कही श्मशान ना बन जाये विद्यालय का जर्जर भवन

भास्कर समाचार सेवा

(मथुरा)नौहझील। क्षेत्र की ग्राम पंचायत भैरई के गांव कुरावली के प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर होकर गिरासू अवस्था में है।यह कभी भी गिर सकता है।जिसके गिरने से बच्चों के साथ अनहोनी की चिंता अभिभावकों को सता रही है, तो कुछ अपने बच्चों को इस डर से विद्यालय भेजने में कतरा रहे हैं।इसका निर्माण वर्ष 2009 में हुआ था।जिसे गिराये जाने की संतुति भी अधिकारियों द्वारा पिछले वर्ष की जा चुकी है।मगर अधिकारियों की लापरवाही के चलते बच्चे जर्जर व गिरासू भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।जिसकी शिकायत कुरावली गांव के लोगों व विद्यालय स्टाफ द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी से कर नया भवन बनवाने की मांग की है।सरकार शिक्षा पर हर वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसके बाद भी बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है। वहीं, प्राथमिक विद्यालयों की अपेक्षा निजी विद्यालयों में बच्चों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है।


कई स्थानों पर भवन जर्जर होने के कारण छात्रों को दूसरे विद्यालयों में जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रह रही है। तहसील के कई ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्र छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा जाता है। कहीं बैठने के उचित व्यवस्था नहीं है तो कही सिर छुपाकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए छत नहीं है। कुछ ऐसा ही नजारा नौहझील क्षेत्र के गांव कुरावली में देखने को मिला जहां बच्चों के बैठने के लिए जमीन तो है पर सिर छुपाने के लिए मजबूत छत नहीं है। बच्चों के सिर पर हमेशा काल मंडराता रहता है। इस विद्यालय में 34 छात्र-छात्राएं एवं दो अध्यापक हैं।इसमें दो कमरे हैंं।सीर्फ दो कमरों में छात्र छत्राओं का पठन पाठन का कार्य होता है वो भी जर्जर छत के नीचे। इस भवन की छत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। दीवारों पर दरारें हैं। छात्र छात्राओं के सिर पर मिट्टी व सीमेंट के टुकड़े गिरते रहते हैं। बारिश के दिनों में पानी टपकता है।जिसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी मथुरा से विद्यालय के प्रधानाध्यापक त्रिलोकी अग्रवाल के साथ-साथ गाँव के लोगों वीरेन्द्र सिंह,वीरपाल, रवि,शीतल,बच्चू,वीरीसिंह,अंजू चौधरी, महावीरी,सावित्री,अनिल चौधरी,पवन चौधरी, आरती,मुकेश,कर्मवीर,जगदीश,दिनेश,पप्पू आदि ने शिकायत की है।

प्रधानाध्यापक त्रिलोकी अग्रवाल- विद्यालय की बिल्डिंग काफी जर्जर है। इसके कारण विद्यालय के बच्चे प्राथमिक विद्यालय भवन से बाहर खुले में बैठकर पढ़ते हैं। स्कूल की छत टूट कर गिरने लगी है।कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका।

अभिभावक वीरीसिंह -छत से सीमेंट के टुकड़े गिरते हैं। इससे दिक्कत होती है। बैठते समय डर लगता है। सरकार से चाहिए कि इसे सही करा दे।

अभिभावक सावित्री-कक्षा की छत व दीवारें इतनी कमजोर है कि पढ़ते समय सीमेन्ट गिरता है। अगर छत पर बंदर आ जाते है तो पूरी छत हिल जाती है।

अभिभावक दिनेश चौधरी-बारिश होने पर छत से पानी टपकने पर कक्षा में पानी जमा हो जाता है। कई बार इसकी मौखिक शिकायत भी की गई है।

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