भास्कर समाचार सेवा
मथुरा(बरसाना)। राधारानी मंदिर की छह माह की सेवा पूजा को लेकर रविवार को श्रीजी महल पर विवाद गहरा गया। सिविल कोर्ट छाता के आदेश का अनुपालन कराने पहुंचे तहसीलदार गोवर्धन मंदिर से वापस लौट आये। इस दौरान मंदिर सेवायतों के मध्य वाद–विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। बताते चलें कि स्व. हरवंश गोस्वामी कि छह माह की सेवा पूजा को लेकर मायादेवी पक्ष व रासबिहारी गोस्वामी पक्ष में विवाद काफी समय से चला आ रहा है।एसडीएम गोवर्धन के आदेश पर तहसीलदार गोवर्धन मनोज वार्ष्णेय शनिवार की देर शाम बरसाना पहुंचे लेकिन मंदिर की शयन आरती होने के कारण वापस आ गए। दूसरे दिन रविवार को तहसीलदार गोवर्धन मनोज वार्ष्णेय पुलिस फोर्स लेकर मंदिर पहुंचे लेकिन तब तक मंदिर के पट बंद हो गये थे जिसके चलते तहसीलदार गोवर्धन को वापस लौटना पड़ा वहीं मंदिर परिसर में घुसे मायादेवी पक्ष के लोगों में और वर्तमान मंदिर सेवायतों के मध्य झड़प हो गयी। मंदिर में व्यवस्था बिगड़ने पर मंदिर के सुरक्षा गार्डों ने मायादेवी पक्ष को बाहर निकाल दिया। मायादेवी के अधिवक्ता गोकलेश कटारा ने बताया कि मायादेवी के पक्ष में सिविल कोर्ट का स्पष्ट आदेश है। उसके बावजूद भी अखैराम थोक के सेवायत जबरन सेवा में काबिज हैं। सेवायत रासबिहारी गोस्वामी ने बताया कि मायादेवी ने हमें बिना सुने एकतरफा आदेश कराया है। जबकि हाईकोर्ट ने उसे सेवा का अधिकारी ही नहीं माना है। वहीं सिविल कोर्ट के आदेश के खिलाफ जिला जज के यहां अपील की गयी है। जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है।
संदीप वर्मा उपजिलाधिकारी गोवर्धन ने कहा कि
राधारानी भक्तों का आस्था व श्रद्धा का केंद्र है। पर्याप्त पुलिस बल न होने के कारण सेवा पूजा का स्थानांतरण नहीं हो सका है। पुलिस बल का आकंलन करने के बाद ही उक्त आदेश का अनुपालन कराया जाएगा।