पालनहार योजना के तहत बीपीएल दिव्यांगजनों को 18 साल की आयु तक होगा पालन पोषण

पांच साल में सरकार ने दिव्यांगजनों के अनुदान में तीन गुने से अधिक का किया इजाफा

पालनहार योजना के तहत बीपीएल दिव्यांगजनों को 18 साल की आयु तक होगा पालन पोषण

लखनऊ। दिव्यांगजनों के लिए सहारा बनी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अगले दो वर्षों में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के सौ दिव्यांगजनों को मोटराईज्ड ट्राईसाईकिल देकर उनकी दिनचर्या को आसान बनाएगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में शुरू की गयी मोटराईज्ड ट्राईसाईकिल योजना के तहत 1500 से अधिक की स्वीकृति दी जा चुकी है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया कि कृत्रिम अंग खरीदने पर दिव्यांगजनों को अनुदान की दर में पहले ही इजाफा कर चुकी प्रदेश सरकार आगामी दो सालों में प्रति लाभार्थी अनुदान को बढ़ाकर 15,000 रूपये (प्रस्तावित) करने जा रही है। इसके अलावा दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ पालनहार और पेंशन योजना भी प्रस्तावित है।

प्रवक्ता ने बताया कि विकास के साथ ही योगी सरकार सामाजिक सुरक्षा के लिए संकल्पित है। राष्ट्रीय व राज्य-स्तरीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का ही नतीजा है कि प्रदेश की आबादी के बड़े वर्ग का जीवन स्तर आसान हुआ है। इन पांच सालों में सरकार ने दिव्यांगजनों के उत्थान और उनकी जिंदगी को आसान बनाने की दिशा में नयी योजनाएं शुरू की हैं तो पुरानी स्कीमों में मिलने वाली सुविधाओं में खासा सुधार कर धनराशि में इजाफा किया है।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की योजनाओं का उद्देश्य ही दिव्यांगजनों के लिए समावेशी समाज का निर्माण करना है ताकि उनका सामाजिक व आर्थिक पुनर्वास किया जा सके।

11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को मिल रहा 1000 रुपये अनुदान

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार दिव्यांगजन भरण पोषण अनुदान योजना के तहत मिलने वाले अनुदान में तीन गुने से अधिक वृद्धि कर योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को बड़ी राहत दी है। मार्च 2017 के पहले अनुदान राशि महज 300 रुपये थी। सरकार ने इसे बढ़ाकर पहले 500 रुपये और दिसम्बर 2021 में फिर इजाफा कर इसे 1000 कर दिया है। इसी का नतीजा है कि लाभार्थी संख्या 2016-17 में जो 8 लाख 75 हजार 992 थी, वह 2021-22 में बढ़ कर 11 लाख 26 हजार 670 हो गई।

इसी क्रम में कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण योजना के अनुदान में योगी सरकार ने भारी इजाफा कर फरवरी 2019 में 800 से 10,000 कर दिया। वर्ष 2029 में कुल लाभार्थी 27 हजार 887 थे, जो 2021-22 में बढ़कर 42 हजार 184 हो गये। पिछले 5 वर्षों में कुल लाभार्थियों की संख्या 2 लाख 56 हजार 165 थी। अगले दो वर्षों में प्रति लाभार्थी अनुदान को बढ़ा कर 15,000 रुपया किया जाना प्रस्तावित है।

प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना की पुरस्कार राशि में भी डेढ़ गुने से अधिक की बढ़ोत्तरी की है। जून 2017 के पहले पति-पत्नी दोनों दिव्यांग होने पर पर पुरस्कार राशि 20,000 रुपये मिलती थी। भाजपा सरकार ने जून 2017 के बाद इसे बढ़ाकर 35,000 कर दिया। इसी तरह दिव्यांगजनों को जुलाई 2017 से पहले केवल उत्तर प्रदेश में निःशुल्क बस यात्रा की सुविधा थी। जुलाई 2017 के बाद इसे अंतिम गंतव्य स्थल तक बढ़ा दिया गया, चाहे वह राज्य की सीमा से बाहर ही क्यों न हो।

उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों को हाथ से चलने वाले ट्राईसाईकिल से आ रही परेशानियों को देखते हुए योगी सरकार ने वर्ष 2021-22 में मोटराईज्ड ट्राईसाइकिल योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत 1507 स्वीकृति दी गयी। सरकार ने निर्णय लिया है कि आगामी दो वर्षों में प्रदेश के प्रत्येक लोक सभा क्षेत्र में 100 दिव्यांगजन को मोटराईज्ड ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराएगी।

दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएं और भी प्रस्तावित हैं। इनमें प्रस्तावित पालनहार योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के दिव्यांगजन को अधिकतम 18 वर्ष की आयु तक पालन पोषण करेगी, जबकि लोक कल्याण संकल्प पत्र के वादे के अनुरूप प्रस्तावित दिव्यांग पेंशन योजना के तहत अनुदान की दर 1000 रुपये प्रति माह से बढ़ा कर 1500 रुपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति किया जाएगा।

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