लखनऊ। एंटी रोमियों मिशन शक्ति के तहत चल रही एंटी रोमियो स्क्वायड की कार्रवाई युवाओं में खौफ पैदा कर रही है। पार्कों और सार्वजनिक स्थान पर बैठकर कुछ समय बिताने वाले युवाओं की पुलिस फोटो वायरल कर रही है। इसकी वजह से युवा अब ऐसी जगह जाने से ही बच रहे हैं।
युवाओं के लिए ही मुसीबत बना
सरकार ने महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन पिछले कार्यकाल में ही किया था। इसका मकसद था कि पार्क, सिनेमा, बाजार जैसे सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले शोहदों पर नकेल कसी जा सके। लेकिन पुलिस ने सरकार के इस अभियान को इतना खौफनाक बना दिया की ये युवाओं के लिए ही मुसीबत बन गया।
सार्वजनिक जगह पर समय बिता रहे युवाओं से एंटी रोमियों करेगी पूछताछ
दरअसल एंटी रोमियो स्क्वायड की टीम ऐसी सार्वजनिक जगह पर समय बिता रहे युवाओं से पूछताछ करती है। इस दौरान पूछताछ करते हुए उनकी फोटो लेती है। थोड़ी देर बाद उस फोटो को पुलिस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया जाता है। कैमरे पर न आने की शर्त पर कई युवाओं ने बताया कि पुलिस के ट्वीटर अकाउंट पर फोटो पड़ते ही परिवार, रिश्तेदारों और परिचितों के फोन आने लगते हैं। लोग पूछते हैं कि पुलिस ने उन्हें क्यों पकड़ रखा है। करीबियों को किसी तरह समझ भी लें तो भी दूर दराज के लोग कतई नही मानते की कोई गलती नही की है।
पुलिस कोर्ट की गाइडलाइन का कर रही उल्लंघन
लखनऊ हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रमोद पांडेय के मुताबिक पुलिस सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन कर रही है। अगर कोई बालिग प्रेमी जोड़ा भी सार्वजनिक जगह पर बैठा है तो उसकी तस्वीर लेना या वायरल करना गलत है। यह उनकी निजता है जिसे भंग करने का अधिकार पुलिस को भी नही है।
ब्लैकमेलिंग शिकार का जिम्मेंदार पुलिस
पुलिस की इस कार्रवाई की जद में आने वाले युवा एक तरफ बेवजह अपमानित हो रहे, दूसरी ओर ब्लैकमेलिंग का भी शिकार हो रहे। गोमतीनगर में रहने वाले एक युवक ने बताया कि कुछ दिन पहले पुलिस ने उसकी गर्लफ्रैंड के साथ फोटो खिंचकर ट्वीट किया था। इस फोटो को लेकर कई युवक उसे काफी समय तक ब्लैकमेल करते रहे। इसी तरह की कई घटनाएं हुई लेकिन खौफजदा युवाओं ने इसका विरोध नहीं कर पाने की वजह से पार्कों में जाना ही बंद कर दिया है।