मिर्जापुर। एपेक्स वेलकेयर ट्रस्ट द्वारा संचालित एपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक मैडिसिन एंड हॉस्पिटल द्वारा चेयरमैन डॉ एसके सिंह की संरक्षता मे प्रधानाचार्य प्रो एके सोनकर की अध्यक्षता मे वर्तमान परिपेक्ष्य मे जीरियाटिक देखभाल मे आयुर्वेद की भूमिका पर राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को किया गया। मुख्य अतिथि कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रो आनन्द कुमार त्यागी ने एपेक्स के निदेशक डॉ स्वरूप पटेल, डॉ अंकिता पटेल, डीन प्रो सुनील मिस्त्री, आयुर्वेद संकाय बीएचयू के डीन प्रो केएन द्विवेदी।
उत्तरप्रदेश आयुर्वेद सेवाओं के निदेशक सुरेश चन्द्रा एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय एवं बीएचयू के प्राचार्यों की गरिमामयी उपस्थिति मे दीप प्रज्ज्वलित कर एवं बीएएमएस के छात्रों द्वारा धन्वन्तरी वंदना से संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। कुलपति एमजीकेवीपी प्रो त्यागी, सम्मानित अतिथियों एवं एवं वरिष्ठ प्राचार्यों ने अपने सम्बोधन के माध्यम से देश के राजस्थान, एमपी, छतीसगढ़, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड आदि विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागी फेकल्टी, छात्रों एवं संकाय प्रमुखों से सबसे प्राचीनतम विधा, आयुर्वेद की उपियोगिता एवं उसके सार हेतु इस प्रकार की गंभीर शैक्षिक संगोष्ठियों के आयोजन की सरहाना की एवं इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया।
एपेक्स आयुर्वेद के डॉ रजनीश पाठक एवं डॉ प्रवीण राय द्वारा पाँच अलग अलग शैक्षिक सत्रों का संचालन करते हुए 55 वर्ष से अधिक उम्र मे होने वाले बीमारियो एल्ज़्हाइमर, डिमेशिया, डिप्रेशन, हृदय रोग, अस्थमा, गुर्दा रोग, आर्थेराइटिस, नेत्र रोग आदि विषयों पर देश के विभिन्न राज्यों से आमंत्रित आयुर्वेद फेकल्टी वक्ताओं ने बीएचयू के विभागाध्यक्षों डॉ देव नाथ गौतम, डॉ बीके द्विवेदी, डॉ सीएस पाण्डेय, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रधानाचार्य प्रो नीलम एवं डॉ अवधेश, एपेक्स आयुर्वेद कॉलेज के डॉ वीरेंद्र, डॉ अमित, डॉ आभा, डॉ रोमेश, डॉ प्रणव, डॉ एसपी पाल, डॉ बबीता, डॉ मृगंक, डॉ प्रकाश राज की अध्यक्षता, व्याख्यान प्रस्तुतीकरण एवं सार टिप्पणी द्वारा आयुर्वेद विधा द्वारा उपचार एवं किए गए शोधों पर अपने पेपर प्रस्तुत किए।