मच्छरों से बचें और लक्षण दिखे तो मलेरिया की जांच कराएं

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। विश्व मलेरिया दिवस मलेरिया बीमारी पर रोकथाम लगाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। मलेरिया का समय पर निदान और इलाज ना किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला मलेरिया संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है. रोग की गंभीरता परजीवी पर निर्भर करती है।चार से आठ घंटे के चक्र में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, खांसी आना, मांसपेशियों में दर्द होना, छाती व पेट में दर्द, शरीर में ऐंठन होना, मल के साथ रक्त आना, पसीना आना और उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखा कर उनकी सलाह पर मलेरिया की जांच कराई जानी चाहिए । मच्छरों से बचाव और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच और इलाज मलेरिया से बचाव का बेहतर उपाय है । समय से जांच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है । जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) पर मलेरिया की जांच निःशुल्क है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि कोविड काल में विश्व भर में एक करोड़ 40 लाख से अधिक मलेरिया के मामले सामने आए हैं जो देश के लिए भी सतर्क रहने का एक कारण है इसके साथ ही मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्तकोशिकाओं के नष्ट होने के कारण थकान की वजह से एनीमिया, दौरा या चेतना की हानी की स्थिति बन जाती है। सेरिब्रल मलेरिया में परजीवी रक्त के जरिये मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और यह शरीर के अन्य अंगों में भी पहुंच कर हानी पहुंचाते हैं । गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है । यह बीमारी मादा मच्छर एनोफीलिज के काटने के कारण होती है । अगर मलेरिया का संक्रामक मच्छर काट लेता है तो स्वस्थ मनुष्य में 10 से 14 दिन बाद यह रोग विकसित होता है।
इसके अलावा एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि मलेरिया का मच्छर सामान्यतः शाम और सुबह के बीच काटता है।यह गंदे पानी में पनपता है। अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरे को भी संक्रमित कर सकता है।वहीं
डिप्टी सीएमओ डॉ. रोहतास ने बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी आर के सिंह सिंह और मलेरिया निरीक्षकों की टीम जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के जरिये अभियान में जुटे हुए हैं, लेकिन लोगों की सतर्कता अधिक आवश्यक है । मलेरिया बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रिम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में किटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं, मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं ।
जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि वर्ष 2030 तक मलेरिया को उन्मूलन के चरण में लाना है, इसके लिए लक्षण दिखने पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जांच करवानी होगी ।

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