उत्तर प्रदेश में कोरोना के केस एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। प्रदेश में बुधवार को कोरोना के 170 नए केस मिले। जिसके बाद से राज्य में एक्टिव केस की संख्या 856 पहुंच गई है। चिंताजनक बात यह है कि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रकोप गाजियाबाद और नोएडा में देखने को मिल रहा है।
बुधवार को 103 केस नोएडा में तो 33 केस गाजियाबाद में मिले। इनमें 18 स्टूडेंट्स शामिल हैं। दोनों जिलों में अब तक कुल 194 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। राहत की बात यह है कि अभी किसी भी बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं हुई है।
सोमवार को गाजियाबाद में 52 नए केस रिपोर्ट हुए
गाजियाबाद में पिछले 24 घंटे के अंदर कोरोना के 52 नए मामले सामने आए हैं। तीसरी लहर बीतने के बाद एक दिन में आए ये सर्वाधिक केस हैं। वहीं संक्रमित छात्रों और शिक्षकों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है। इससे पहले फरवरी 2022 में गाजियाबाद में करीब 1700 केस आए थे।
प्रदेश में कोरोना के मामले में गौतमबुद्ध नगर पहले और गाजियाबाद दूसरे नंबर पर है। दोनों ही जिले राजधानी दिल्ली से सटे हुए शहर हैं। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण बढ़ने की एक प्रमुख वजह यही मानता है।
सरकारी अस्पतालों में 10 परसेंट बेड आरक्षित
राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को पूरी तैयारी रखने को कहा गया है। हर मेडिकल कॉलेज में 30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड इसके लिए निर्धारित कर दिया गया है। जबकि अन्य सरकारी अस्पतालों में केस बढ़ने पर 10 परसेंट बेड आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
540 ऑक्सीजन प्लांट हो चुके हैं चालू
मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ का प्रशिक्षण पहले ही कराया जा चुका है। सभी जगह ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता भी है। प्रदेश में करीब 540 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेजों और अन्य सरकारी अस्पतालों में पीकू वार्ड भी बनाए गए हैं। पीकू बेड्स की संख्या बढ़कर अब 6700 हो चुकी है।
चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक डॉ. एनसी प्रजापति ने कहा, ‘कोरोना केस जरूर बढ़े हैं मगर अस्पताल की जरूरत लोगों को नहीं पड़ रही। फिर भी सभी मेडिकल कॉलेजों में हर परिस्थिति के लिए पूरी तैयारी है।’
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह ने कहा, ‘कोरोना को लेकर कोई पैनिक स्थिति नहीं है। ऐसे में नॉन कोविड मरीजों के इलाज को प्रभावित नहीं किया जा रहा। यदि जरूरत पड़ी तो 10 परसेंट बेड कोविड मरीजों के लिए डेडीकेटेड रहेंगे।’
गाजियाबाद में एक्टिव केस बढ़कर 169 हुए
गुरुवार सुबह जारी हुए हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, गाजियाबाद में 3621 सैंपल की जांच हुई। इसमें 52 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें 0 से 12 उम्र वाले 6 और 13 से 20 उम्र वाले 8 बच्चे हैं। बीते 24 घंटों में संक्रमण दर बढ़कर 1.43 फीसदी पहुंच गई है।
एक्टिव केस बढ़कर 169 हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर RK गुप्ता ने कहा, कोई भी मरीज हॉस्पिटल में एडमिट नहीं है। सभी होम आइसोलेशन में हैं।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के 27 स्कूलों तक पहुंचा कोरोना
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद में अब तक 42 छात्र और 7 टीचर कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या KR मंगलम स्कूल की है, जहां अब तक 4 शिक्षक और 3 छात्र संक्रमित हो चुके हैं। 13 स्कूल गाजियाबाद, छह स्कूल नोएडा और आठ स्कूल दिल्ली के हैं। हालांकि इनमें पढ़ने वाले सभी 42 छात्र और 7 टीचर गाजियाबाद जिले के रहने वाले हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें अपने डेटा में शामिल किया है।
स्कूलों में तीन दिन में कोविड हेल्प डेस्क बनाएं
गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) प्रदीप द्विवेदी ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे तीन दिन के अंदर कोविड हेल्प डेस्क बना लें। इसके बाद स्कूलों का भौतिक सत्यापन होगा। जो स्कूल कोविड नियमों का पालन करता नहीं मिलेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
उधर, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक 12 से 14 उम्र वाले 141623 बच्चों और 15 से 17 साल वाले 238663 किशोर-किशोरियों को कोरोना टीका लगाया जा चुका है।
कोरोना की गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर बुधवार को कोविड प्रबंधन के लिए गठित टीम-9 के साथ बैठक में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने मास्क लगाने के साथ स्कूलों में बच्चों और लोगों को कोविड प्रोटोकाल के लिए जागरुक करने के निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि एनसीआर के जिलों तथा लखनऊ में सभी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाने की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। लोगों को कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन के लिए जागरूक किया जाए। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। इसी के साथ स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का बारे में बच्चों को जागरूक किया जाए।
एनसीआर के जनपदों (गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत) तथा लखनऊ जनपद में टीकाकरण से छूटे लोगों को चिन्हित कर वैक्सीनेट किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाए।