जनपद में 150 खाद्य प्रतिष्ठानों की जारी होगी ’हाइजीन रेटिंग’

-10 ई ट्रायड कैंपस को भी किया गया है सर्वे के लिए चयनित

-खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन करा रहा है आॅडिट

-होटल, रैस्टोरेंट से लेकर काॅलेज, विश्वविद्यालय के मैस, कैंटन तक हैं शामिल

प्रेम चतुर्वेदी

मथुरा। जनपद के 150 खाद्य प्रतिष्ठानों की हाइजीन रेटिंग जारी की जाएगी। इसके लिए खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन सर्वे करा रहा है। इन प्रतिष्ठानों में होटल, रेस्टोरेंट से लेकर काॅलेज और विश्वविद्यालयों के मैस और कैंटन तक शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन विभाग की ओर से इसके लिए स्वतंत्र एजेंसी से आॅडिट कराया जाना प्रस्तावित है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सर्वे के बाद खाद्य प्रतिष्ठानों को भारत सरकार द्वारा हाइजिंग रेटिंग प्रामणपत्र प्राप्त हो सकेंगे। 10 ई ट्रायड कैंपस जैसे काॅलेज, मैडिकल काॅलेज, जेल, विश्वविद्याल, जहां मैस और कैंटीन हैं को भी सर्वे में शामिल किया गया है। यह ऐसे कैंपस हैं जहां बडी मात्रा में युवा और अन्य लोग खान पान करते हैं। यहां खपत अधिक है। हाइजिंग रैटिंग में खानपान की गुणवत्ता, खाना पकाना, परोसने का तरीका, जहां खाना परोसा जाता है वहां का वातावरण, खाना पकाने और परोसने वालों का व्यवहार और साफसफाई आदि जैसे कई बिंदुओं को जोडा गया है। इसमें कर्मचारी के स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी। टेस्ट कंट्रोल की जांच, पानी की जांच आदि भी शामिल हैं। इसके अलावा गुणवत्ता में साधर आ सके इसके लिए भी कर्मचारियों को जागरूक भी किया जाएगा।

जूस, फास्टफूड विक्रेताओं को दी हिदायत

तापमान लगातार बढ रहा है। ऐसे में फूड पोइजनिंग की समस्याएं भी बढने लगी हैं। स्थानीय स्तर पर जो ढेल ठकेल लगते हैं, जूस, छोले फटूरे, गन्ने का रस आदि बचने वालों को हिदायत दी है। साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। खाद्य पदार्थ दूषित होंगे तो फूड पोइजनिंग की समस्या हो सकती है। इसके लिए अभियान चला कर आम लोगों के साथ दुकानदारों को भी जागरूक किया जा रहा है।

वर्जन
जूस वाले, लस्सी वाले एवं अन्य ठंडे पेय पदार्थ बेचने वाले अच्छी गुणवत्ता की बर्फ रखें। किसी भी पेयपदार्थ में सिंथेटिक कलर का प्रयोग न करें और साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। कमी पाए जाने पर सख्त कार्रवाही की जाएगी।
-डा.गौरी शंकर, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन

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