उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार प्रदेश के अधिकांश बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर की तैनाती की तैयारी कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश के दो बड़े शहरों में जल्द ही पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू कर दी जाएगी। इसका पूरी तैयारी हो गई है। किसी भी समय इसकी घोषणा हो सकती है।
वहीं गुरुवार रात नौ जिलों के कप्तान बदलने के बाद एक और आईपीएस की तबादला लिस्ट तैयार हो गई है। जिसमें करीब दो दर्जन जिलों में फेरबदल किया जा रहा है। जिसमें पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने वाले जिले भी हैं।
इस तबादला लिस्ट में लखनऊ, नोएडा और वाराणसी कमिश्नरेट के अधिकारी भी शामिल है। जिनमें कुछ हो जिले का चार्ज दिए जाने की चर्चा है। महकमे के अफसरों ने भी इसकी दबी जुबान से पुष्टि की है।
गाजियाबाद और प्रयागराज के लिए चल रहा था मंथन, जल्द आएगा फैसला
सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार की प्राथमिकता के आधार पर पुलिस व गृह विभाग ने गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली का खाका पूरी तरह से तैयार कर लिया है। जिसका प्रस्ताव कैबिनेट के पास तक पहुंच गया है। जिस पर मुहर लगकर कभी भी फैसला आ सकता है।
इसके चलते ही गाजियाबाद में एसएसपी की तैनाती रुकी हुई है। जहां एसएसपी पवन कुमार के सस्पेंड होने के बाद अभी कोई स्थाई नियुक्ति नहीं की गई है और कार्यवाहक एसएसपी मुनिराज जी. को बनाया गया है।
दूसरी तरफ गुरुवार रात आई आईपीएस तबादला लिस्ट से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पर भी 48 घंटे के भीतर फैसला आ जाएगा। जिसके चलते ही करीब दो दर्जन जिलों की तबादला लिस्ट फंसी हुई है। कमिश्नरेट प्रणाली पर फैसला आते ही आईपीएस की एक लंबी तबादला लिस्ट जारी हो जाएगी, जो लगभग तैयार कर ली गई है।
गौतमबुद्धनगर भी एसएसपी के निलंबन के बाद बना था कमिश्नरेट
पुलिस विभाग में चर्चा है कि जिस तरह गौतमबुद्धनगर जनवरी, 2020 में तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण के निलंबन के बाद कमिश्नरेट बना था, वैसे ही गाजियाबाद भी बनने जा रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर प्रयागराज का नाम है।
आगरा और मेरठ की भी चर्चा हुई, लेकिन उसके शहरीय क्षेत्र फल को देखते हुए अधिकारी व गृह विभाग यहां लागू करने को लेकर मंथन कर रहे हैं। हालांकि आखिरी फैसला मंत्रिमंडल को लेना है। प्रदेश में जनवरी 2020 में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर (नोएडा) और 2021 में कानपुर नगर और वाराणसी में लागू हुई थी।
डीआईजी तैनाती वाले जिलों में होगा बड़ा बदलाव
विधानसभा चुनाव से पहले आचार संहिता लागू होने के चलते रूकी आईपीएस तबादला की एक और लिस्ट किसी भी वक्त आ सकती है। जिसमें आईपीएस और पीपीएस संवर्ग के 36 से ज्यादा अधिकारियों के नाम शामिल है। इसमें आगरा, बुलंदशहर, सीतापुर, सुलतानपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी ग्रामीण और देवरिया समेत 13 जिले के कप्तान हैं।
जहां एसएसपी की जगह डीआईजी रैंक के अधिकारी तैनात हैं। वहीं, पांच जगह चुनाव और क्राइम ग्राफ वजह बन रहा है। जबकि लखनऊ, नोएडा व वाराणसी कमिश्नरेट में लंबे समय से तैनात आईपीएस का भी नाम है। जिन्हें जिला मिलने की संभावना है। इसके साथ ही चुनावी गणित को देखते हुए कुछ के तबादले होने की चर्चा है। जो सरकार के मानक पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं।