प्राधिकरण के 2031 मास्टर प्लान की आपत्ति सुझाव हेतु अंतिम तारीख 20 अप्रैल घोषित

बुलंदशहर । भारत सरकार की अमृत योजना के अन्तर्गरत बुलंदशहर खुर्जा की जी0 आई0 एस0 आधारित महायोजना /मास्टर प्लान 2031 बुलंदशहर प्राधिकरण दुआरा पुनः नए सर्वे के साथ तैयार कराया जा रहा है । यानी नया मास्टर प्लान तय करेगा कि आखिर बुलंदशहर डेवलपमेंट आखिर किस नीति के आधार पर सुनिश्चित किया जाए । आखिर यह भी सत्य है कि प्राधिकरण के शुरुआती समय लगभग 1987 में बुलंदशहर प्राधिकरण विकास के नाम पर एक विभाग तैयार किया गया जिसके माध्यम से 2001 में विकास को लेकर एक मास्टर प्लान तैयार किया गया जिसकी अधिकतम सीमा 2021 का अनुमान बनाया गया , चूंकि 2021 में भी मास्टर प्लान सक्सेस नही हो पाया इसके लिए पुनः अब उसी प्लान की समयावधि सर्वे करने के उपरांत वर्तमान स्थिति को देखते हुए क्या बदलाव किए जाने आवश्यक हो को लेकर प्लान को दर्शाते हुए 2031 बना दी गई है । जिसमे जनसमुदाय, सरकारी विभाग, अर्ध सरकारी विभाग, गैर सरकारी विभाग ,स्थानीय निकाय आदि के हितों को देखते हुए मास्टर प्लान को लेकर किसी को कोई आपत्ति हो तो वह 20 अप्रैल तक जनहित ओर विकास की श्रेणी को लेकर आपत्ति ओर सुझाव दे सकते है जिस पर प्राधिकरण दुआरा मास्टर प्लान में संशोधन किया जाना सुनिश्चित किया जा सके । हालांकि बुलंदशहर में अब तक काफी अवैध ओर अनाधिकृत कॉलोनियों काटी जा चुकी है जिनको बाद में आवादी दर्ज होने के उपरांत स्वीकृत भी किया जा चुका है । दैनिक भास्कर के एक अंक में पहले भी यह प्रकाशन किया जा चुका है कि घनी पुरानी आवादी क्षेत्र में अगर किसी का पुराना मकान बना हुआ है और वह लगभग 100 वर्ग मीटर में बना हुआ है किन्तु मकान की दुर्दशा खराब होने के कारण पुनः निर्माण अगर हो भी रहा है तो ऐसे मकानों को प्राधिकरण से नक्शा पास करवाने की आवश्यकता नही होगी । किन्तु विकास की बात करे तो 1991 में बुलंदशहर की आवादी अधिक नही थी न ही कोई खास ट्रैफिक था जिसके कारण जनसमुदाय को आवागमन में कोई समस्या नही हो पाती थी किन्तु वर्तमान स्थिति यह व्या कर रही है कि बुलंदशहर के मुख्य किसी भी मार्ग पर निकलना मुश्किल हो रहा है जिसका कारण है पुराने स्तर की सड़कें होने के कारण जमकर जाम लगना । जबकि बुलंदशहर विकास प्राधिकरण 2011 से ही मास्टर प्लान यह व्या कर रहा है कि बुलंदशहर के लिए एक मुख्य रिंग रोड की व्यवस्था करवाया जाना निश्चित है, जिसके कारण बाईपास होकर वाहन सवार बुलंदशहर अपने घर के लिए आसानी से जा सकेगा और किसी भी प्रकार के जाम से भी आम आदमी को गुजरना नही पड़ेगा किन्तु 20 वर्ष गुजरने के उपरांत भी इस रिंग रोड का कोई समाधान प्राधिकरण आज तक नही कर पाया है इसलिए आज की जनहित जरूरत को देखते हुए प्राधिकरण ने नया सर्वे तो किया है जिसके कारण प्लान में कुछ खामियों में भी सुधार होने की बात सामने आई है ।यही नही आये दिन अवैध कॉलोनियों का आज भी सिलसिला जमकर चल रहा है उस पर भी अभी तक प्राधिकरण कार्यवाही तो कर रहा है किन्तु रुकावट नही हो पाई है इसका एक कारण यह भी है कि जब तक शासन स्तर से कृषि जमीनों पर होने वाली अवैध कॉलोनियों पर रजिस्ट्री रोक नही लग पाएगी तब तक कॉलोनियों के डबलप होने से रोक पाना मुश्किल होगा जिसके कारण कृषि जमीनों पर भी खेती होने के चलते काफी प्रभाव देखने मे नजर आ रहा है । अगर कही कोई हाइवे भी निकलता है और उस क्षेत्र के डबलेपमेंट की बात सामने आती है जैसे कि किसी किसान की कोई प्रोपर्टी हाइवे किनारे है ओर वह रोड की जमीन छोड़ने के उपरांत अपनी जमीन में कोई डेवलेपमेंट करना चाहता है तो ऐसी स्थिति में प्राधिकरण ग्रीन बेल्ट की बात करता है यानी कि प्राधिकरण उस प्रोपर्टी की बात कर रहा है जिस पर सरकार अथवा प्राधिकरण का कोई अधिकार ही नही बनता न ही उस भूमि का किसान को कोई मुआवजा मिलेगा तो ऐसी स्थिति में स्प्ष्ट नजर आ रहा है कि आखिर ग्रीन बेल्ट कहने का क्या औचित्य प्राधिकरण बता रहा है जबकि किसान के पास हो सकता है कि अगर ऐसी प्रोपर्टी का नक्शा पास करवा भी लिया तो उसकी जमीन होने के बाद भी प्रोपर्टी विहीन हो सकता है इसलिए शाशन को इन बातों को जनहित के लिए विचार करना आवश्यक होना चाहिए। बात यही खत्म नही होती बुलंदशहर प्राधिकरण के दुआरा यमुनापुरम कॉलोनी का विकास किया गया था जिसकी एक साइड भुड़ चौराहे से चांदपुर तहसील रोड कहलाती थी आपको बता दे कि भुड़ चौराहे से तहसील मार्ग पहले नेशनल हाइवे 91 कहलाता था जिस पर प्राधिकरण की यमुनापुरम कॉलोनी भी आती है किन्तु प्राधिकरण ने यमुनापुरम के लिए नेशनल हाइवे 91 पर रोड के मध्य से लगभग 70 फिट दूरी पर नक्शा पास करवाकर कॉलोनी स्वीकृत करवा डाली जबकि इसी से सटे हुए गॉव चांदपुर जो यमुनापुरम से काफी वर्षो पहले बसा हुआ था उसके लिए मानक में नक्शा पास करवाने हेतु 100 फिट होना अनिवार्य कर दिया गया जिसके कारण देखने मे पाया गया कि रोड के निकट रहने वाले व्यक्तियों के पुराने मकान प्राधिकरण के अनुसार अगर नव निर्माण करवाने हेतु स्वीकृत भी करवाये जाए तो मालूम चेलगा कि किसान और मकान स्वामी तो ऐसी कंडीशन में अपने मकान को ही नही बनवा पायेगा ओर अपनी पैतृक संपत्ति से भी हाथ धो बैठेगा आज की स्थिति में यह मार्ग नेशनल हाइवे नही रहा वह अब राष्टीय राजमार्ग में शामिल हो गया है क्योंकि नेशनल हाइवे 91 को आवादी के अनुसार बाईपास कर दिया गया है । इसलिए चांदपुर वासियों ने प्राधिकरण से अपील रखी है कि जनहित को देखते हुए नए स्तर से चांदपुर में मार्ग पर संशोधन करवाया जाना सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य हो जोकि जनहित के लिए अति आवश्यक होगा । अन्यथा की स्थिति में पूरा गॉव विकास की स्थिति से काफी पीछे चला जायेगा इसलिए यमुनापुरम कॉलोनी के अनुसार ही चांदपुर वासियों को भी नव निर्माण को देखते हुए उस मानक का लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया जाए हेतु गॉववासियो ने प्राधिकरण से अपील ओर संशोधन हेतु प्रार्थना रखी है । क्षेत्र वासी प्राधिकरण से उम्मीद कर रहे है कि विकास की स्थिति में जनसमुदाय को नुकसान कम हो और नए स्तर पर मानक अनुसार विकास की रफ्तार को ओर अधिक बढ़ाया जाए जिसके कारण बुलंदशहर वासियों को प्राधिकरण के मानक अनुसार उचित हॉस्पिटल कॉलिज ट्रांसपोर्ट कारोबार पार्क रास्ते बड़ी छोड़ी सड़के ,लाइट , पानी निकासी हेतु पक्की नालियां जैसे मुख्य विषयो पर विचार विमर्श कर बुलंदशहर का विकास करवाये ।

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