विश्व योग ट्रस्ट के तत्वावधान में तीन दिवसीय योग शिविर शुरू
बांदा। मंडल कारागार में आयोजित योग शिविर में बंदियों को कई प्रकार के आसन और प्रणायाम सिखाए गए। योग शिविर में बंदियों ने बढ़चढ़कर भागीदारी की। योग गुरु ने जेल में निरुद्ध बंदियों को योग और ध्यान से होने वाले फायदे भी बताते हुए। इस दौरान कैदियों को ध्यान एकाग्रचित कर शरीर में होने वाली सूक्ष्म क्रियाओं का अनुभव कराया गया।
विश्व योग सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में गुरुवार से मंडल कारागार में तीन दिवसीय योग शिविर शुरु हुआ। योग प्रशिक्षक रमेशचंद्र राजपूत ने बंदियों को सूक्ष्म योग के साथ पवन मुक्तासन, सवार्गासन, हलासन, मंडूकासन, कुरमासन, सिद्धासन, पद्मासन, धनुरासन, नौकासन, पार्श्वजानुसिरासन इत्यादि का अभ्यास करवाया। योग प्रशिक्षक ने कहा कि नियमित योगाभ्यास करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मन की शक्तियां भी बढ़ती है। चेहरा सुंदर बनता है। आत्मिक शांति प्राप्त होती है। शरीर स्वस्थ बनता है। मन में उत्साह व जोश बढ़ जाता है। साहस व बल बढ़ता है। मन के अंदर स्थिरता आती है और तनाव दूर होता है। उन्होंने बंदियों को भस्त्रिका, चंद्रभेदी, शीतली, शीतकारी, उद्गीत, दीर्घश्वसन, अनुलोम विलोम इत्यादि का अभ्यास करवाया। कहा कि भस्त्रिका प्राणायाम करने से वात, पित, कफ तीनों दोष ठीक होते है। फेफड़ों की क्षमता का विकास होता है। रक्त की शुद्धि होती है और शरीर के श्वांस संबंधी रोग दूर होते है।
अच्छे विचारों का विकास होता है। प्रशिक्षक देवेश निगम ने बंदियों को आहार, दिनचर्या पर बंदियों को जागरूक किया। जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा ने बंदियों से नियमित योगाभ्यास करने की सलाह दी। इस मौके पर डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह, राजकुमार गौतम, प्रधान बंदी रक्षक ओंकार सिंह चंदेल आदि शामिल रहे।