पूरी कटाई न होने के कारण गेहूं बेचने नहीं आ रहे किसान
किसानों के इंतजार में केंद्र प्रभारी गुजार रहे समय
भास्कर न्यूज
बांदा। जिले में गेहूं की कटाई न होने के कारण सरकारी खरीद शून्य है। तीसरे दिन भी केंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा। 56 खरीद केंद्रों पर किसी भी जगह आवक ज्यादा नहीं हुई। केंद्र प्रभारी किसानों के इंतजार में खाली बैठ कर पूरा दिन गुजार रहे हैं। पंजीकरण कराने वाले किसानों से संपर्क कर रहे हैं।
जिले में पहली अप्रैल से गेहूं खरीद के लिए 56 केंद्र खोले गए हैं। पहले व दूसरे दिन खरीद नहीं हुई। शनिवार को भी यही स्थिति रही। किसी भी केंद्र पर किसान गेहूं लेकर बिक्री करने नहीं पहुंचे, जबकि खरीद के इंतजाम लगभग सभी केंद्रों पर रहे। खरीद न होने का कारण गेहूं कटाई न होना बताया गया। ज्यादातर जगहों पर किसानों ने हाथ से कटाई शुरू की है, जो बिक्री के लिए गेहूं तैयार करने में तीन से चार दिन लगेंगे। इसके बाद किसान इसे बेचने के लिए लाएंगे। कटाई भी जिले में पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है, जहां कटाई हुई है वहां बिक्री के लिए गेहूं तैयार नहीं है। सभी केंद्रों की स्थिति एक जैसी बनी हुई है। केंद्र प्रभारी व पल्लेदार किसानों के इंतजार में बैठे रहे। धान खरीद के दौरान दर्ज पंजीयन के आधार पर किसानों की पड़ताल कर उनके मोबाइल पर फोन कर गेहूं खरीद की जानकारी दी। कटाई कर केंद्र पर गेहूं लाने को कहा। बाजार व सरकारी दाम में अंतर बताकर जागरूक किया। डिप्टी आरएमओ ने बताया कि अभी कटाई कुछ जगह शुरू हुई है। 15 अप्रैल के आसपास गेहूं खरीद में तेजी आने की संभावना है।
केंद्रों में अव्यस्थाएं लगातार बरकरार
गेहूं खरीद प्रक्रिया शुरू होने के दो दिन बाद भी जिले के विभिन्न इलाकों में बने कई क्रय केंद्रों पर तैयारी आधी अधूरी रही। कहीं, बोरा तो कहीं ईपास मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। शासन की तरफ से 31 मार्च तक सभी व्यवस्था पूरी कर लेने का फरमान जारी किया गया था। बावजूद अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जिले में बहुत कम किसानों ने आनलाइन पंजीकरण कराया है। क्रय केंद्रों पर पोस्टर बैनर तो लगे हैं, लेकिन किसानों के लिए छाया, पेयजल आदि की व्यवस्थाएं नदारद हैं।