कलंजरी में 25 मार्च को की गई थी स्कूल मैनेजर की हत्या
मेरठ। कलंजरी में 25 मार्च को स्कूल मैनेजर की हत्या करने वाले आरोपी सोमवार को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंच गए। जानकारी मिलते ही पीड़ित परिवार के आधा दर्जन लोग भी कचहरी आ गए और उन्होंने हत्यारोपियों को पकड़ लिया। इस दौरान दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। काफी देर तक मारपीट होती रही। सूचना पाकर थाना सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि स्कूल मैनेजर की हत्या 12 बीघा भूमि को लेकर रिश्ते के भाई ने अपने पुत्रों संग मिलकर की थी।
बता दे कि गत शुक्रवार को जानीखुर्द क्षेत्र के गांव कलंजरी में स्कूल मैनेजर इंद्रवीर की फावड़े से काटकर हत्या कर दी गई थी। शव जंगल में पड़ा हुआ मिला था। आरोप कुनबे के भाई नौराज और भतीजों पर लगाया गया था। पुलिस जांच में सामने आया कि नौराज अपने सगे छोटे भाई की पत्नी की 12 बीघा जमीन हड़पना चाहता है। इंद्रवीर इसके लिए बार-बार नौराज को समझा रहा था, लेकिन नौराज नहीं मान रहा था। कुछ दिन पहले नौराज ने इंद्रवीर को जान से मारने की धमकी दी थी। घटना के बाद नौराज, उसके बेटे दीपक और ज्योति फरार हो गए थे, पुलिस तभी से पिता-पुत्र को ढूंढ़ रही थी। सोमवार को हत्यारोपी पिता-पुत्र कचहरी में पेश होने आए थे। उधर, मृतक इंद्रवीर के परिवार को जैसे ही यह जानकारी मिली तो आधा दर्जन लोग कचहरी पहुंच गए। कचहरी में जैसे ही दोनों पक्षों ने एक दूसरे को देखा तो आपा खो दिया। दोनों पक्ष के लोग आपस में कचहरी में ही भिड़ गए और एक दूसरे से मारपीट शुरू कर दी। दोनों पक्षों को भिड़ता देख कचहरी में मौजूद लोगों ने बीचबचाव कराने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद सिविल लाइन थाना पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया। सिविल लाइन पुलिस ने नौराज और उसके दोनों बेटों को रोहटा थाने भेज दिया। इंद्रवीर पक्ष से आए 6 लोगों को जानी थाने भेज दिया।
कचहरी में दी एक दूसरे को देख लेने की धमकी
नौराज और उसके बेटे दीपक व ज्योति को जैसे ही पीड़ित पक्ष के लोगों ने देखा तो खून खौल उठा। पीड़ित पक्ष के लोगों ने कहा कि इन हत्यारों को छोड़ेंगे नहीं। इन्होंने हमारे आदमी की हत्या की है, इनको भी छोड़ा नहीं जाएगा। इन बातों को सुनते ही नौराज और उसके बेटे भी आग बबूला हो गए और बोले तुझे भी देख लेंगे और दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए।
खुलेआम पहुंचे हत्यारोपी सरेंडर करने
ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, मृतक इंद्रवीर ने अनेकों बार थाना पुलिस को हत्यारों द्वारा मिली धमकी की लिखित जानकारी दी थी। लेकिन कार्रवाई तो दूर पुलिस ने गांव में पीकेट या गस्त बढ़ाने की भी कोशिश नहीं की। ग्रामीणों की माने तो जिस तरह से हत्यारोपी खुलेआम न्यायालय में पेश होने गए, इससे पुलिस से मिली भगत के आरोप सच साबित होते दिखाई पड़ रहे हैं।
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