लखनऊ। 25 मार्च को यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन हुआ। इसमें कुल 52 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिसमें 18 कैबिनेट, 14 राज्यमंत्री और 20 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बने। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्मस यानि एडीआर और उप्र इलेक्शन वाच ने इन 52 में से 45 मंत्रियों के शपथपत्र के विश्लेषण के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है।
योगी सरकार में 39 मंत्री निकले करोड़पति
इस रिपोर्ट के मुताबिक इन 45 मंत्रियों में से तकरीबन आधे (49 फीसदी) मंत्री यानि 20 मंत्रियों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस बात की जानकारी इन सभी ने अपने शपथ पत्र में दी है। वहीं इन 45 मंत्रियों में करीब 87 फीसदी मंत्री यानि 39 मंत्री करोड़पति हैं, जिनकी कुल औसत संपत्ति तकरीबन नौ करोड़ रुपये है। जिन मंत्रियों का विश्लेषण नहीं मिला उनमें हैं जितिन प्रसाद, संजय निषाद, जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, दयाशंकर मिश्र दयालु, जसवंत सैनी और दानिश आजाद अंसारी।
जिन सदस्यों के विरुद्ध आपराधिक मामले घोषित हैं, उनमें नंद गोपाल गुप्ता नंदी, दया शंकर सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, राकेश सचान, कपिल देव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल, योगेन्द्र उपाध्याय, मनोहर लाल, डा.सोमेन्द्र सिंह तोमर, गिरीश चंद्र यादव, संजय सिंह गंगवार, दिनेश खटीक, अनिल राजभर, ब्रजेश सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, सुरेश राही, प्रतिभा शुक्ला, विजयलक्ष्मी गौतम, रमेश सिंह व धर्मपाल सिंह के नाम शामिल हैं।
मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता के विश्लेषण में सामने आया है कि नौ (20 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12वीं के बीच घोषित की है। 36 (80 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक व उससे अधिक घोषित की है। इसके अलावा 20 (44 प्रतिशत) मंत्री ऐसे हैं, जिनकी आयु 30 से 50 वर्ष के मध्य है। जबकि 25 (56 प्रतिशत) मंत्रियों की आयु 51 से 70 वर्ष की बीच है।