बांदा : निरक्षर प्रधानों को साक्षर बनाने की प्रक्रिया दोबारा शुरू करें अफसर

डीएम ने गोद लिए गांवों के 58 अधिकारियों को दिए निर्देश

लक्ष्य पूरा करने वाले सभी अधिकारी होंगे सम्मानित

भास्कर न्यूज

बांदा। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने ‘साक्षर प्रधान गांव की शान’ की बैठक में विधान सभा चुनाव की वजह से प्रधानों को साक्षर बनाने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कराने के निर्देश दिए। कहा कि जनपद के 58 निरक्षर प्रधानों को साक्षर बनाने की जो पहल शुरू की गई थी। विधान सभा चुनाव खत्म होने के बाद गोद लिए सभी अधिकारी पुनरू रुचिपूर्वक साक्षर बनाने का काम शुरू करें। प्रधानों से संपर्क कर पठन-पठन के विषय में जानकारी भी प्राप्त की जाए।

कलक्ट्रेट सभागार में शनिवार को डीएम ने ‘साक्षर प्रधान गांव की शान’ संबंधी बैठक में उन्होंने सभी 58 अधिकारियों से कहा कि प्रधानों को साक्षर बनाने के कार्य को पूरी रुचि के साथ प्रारंभ कर दे। कम से कम माह में दो बार अपने गोद लिए गांव में भ्रमण करें और ग्राम प्रधान से पठन-पाठन के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करें। जिलाधिकारी ने यह दिशा निर्देश कलेक्ट्ररेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानों को साक्षर बनाने के लिए 60 दिन का समय निर्धारित किया गया था। अब हर हाल में 25 अप्रैल तक सभी 58 प्रधानों को साक्षर बनाकर एक मिशाल स्थापित की जाए। क्योकि यह बहुत ही पुनीत कार्य हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसा करने से सभी अधिकारी अपने आप में निसंदेह संतुष्टि प्राप्त करेंगे। साक्षर बनने वाले प्रधान सदैव अपने अधिकारी को याद करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि रात दिन पढ़ाने वाले शिक्षक, प्रधान के पुत्र व पुत्रियां, आंगनवाड़ियां के साथ सभी 58 अधिकारियों को भी 30 अप्रैल को यह लक्ष्य प्राप्त करने पर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा और भारत सरकार से भी सम्मानित कराया जाएगा।

उन्होंने अपेक्षा की है कि सभी अधिकारी इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर भाग ले और लक्ष्य को पूर्ण करें। बैठक में अपर जिलाधिकारी उमाकांत त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी वेदप्रकाश मौर्य, अपर जिलाधिकारी एमपी सिंह, अमिताभ यादव, बीडीओ रवि किशोर त्रिवेदी, डीआरडीए मनरेगा राघवेंद्र, नगर मजिस्ट्रेट केशवनाथ गुप्त समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे।

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