किशनी/मैनपुरी। विज्ञापनों तथा बैनरों के माध्यम से वाहवाही लूटने वाली नगरपंचायत किशनी में भृष्टाचार और गंदगी ने अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है। जबकि यहां पर कर्मचारियों की कोई कमी नहीं है।नगरपंचायत में गंदगी का साम्राज्य स्थापित हो चुका है। अधिकतर नाले गंदगी से अटे पडे हैं। जिनमें पाॅलिथिन तथा मिट्टी भरी पडी है। इंटरलाॅकिंग सडकें बनने के तुरन्त बाद जमीन में धंस गई हैं।
कीचड से अटे पडे हैं नाले
कई जगह नाले टूट कर बिल्कुल खत्म हो गये हैं जिस कारण पानी इधर उधर वह रहा है। पर नगरपंचायत के रहनुमाओं को इससे कोई फर्क नहीं पडने वाला है। कुछ दिन पूर्व नगरपंचायत के सभासदों ने भृष्टाचार की ढेरों शिकायतें कीं थी। पर सारी शिकायतें रद्दी की टोकरी में डाल दी गई। प्रशासन की इसी लापरवाही का नतीजा है कि भृष्टाचार घटने की बजाय बढता जा रहा है। पूर्व चेयरमैन द्वारा छोडे गये हर कार्य को पूरा करना तो दूर उस ओर झांक कर भी नहीं देखा गया।
ऐसा लगता है कि यहां नगरपंचायत के नाम पर सिर्फ टैक्स बसूली ही की जा रही है। मौसम के बदलते मिजाज के कारण मच्छरों की संख्या में बेतहासा वृद्धि हो रही है। पर मच्छरों की दबाई कहीं भी नहीं छिडकी जा रही है। नगरपंचायत की वेशकीमती जमीनों पर लोगों के कब्जे चले आ रहे हैं पर जमीन को मुक्त कराना तो दूर कोई कार्यवाही तक नहीं की जा रही है। लोगों का कहना है कि इतनी बुरी स्थिति तो आज से पहले कभी नहीं रही है।