लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव यानी एमएलसी का चुनाव होने से इस समय राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है। वहीं एमएलसी चुनाव के पहले चरण में भाजपा के दो उम्मीदवार निर्विरोध जीतकर आए हैं। क्योंकि समाजवादी पार्टी के दो प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिये गए हैं। विधान परिषद क्षेत्र एटा, मैनपुरी और मथुरा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी आशीष यादव और ओम प्रकाश को चुनाव आयोग द्वारा जीत का प्रमाण पत्र दिया जाना बाकी है।
इसके पीछे बड़ा कारण समाजवादी पार्टी के उदयवीर सिंह और आकाश का नामांकन निरस्त होना बताया जा रहा है। इससे साफ है कि एमएलसी की 35 सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा ने सबसे पहली शुरुआती जीत निर्विरोध दर्ज कराकर एक बड़ा मेसेज दिया है। जबकि सपा ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। वहीं एक दिन पहले ही इसको लेकर आशंका जताई थी।
तानाशाही में जुटी भाजपा- सपा नेता
वहीं सपा नेता उदयवीर सिंह ने अपने बातचीत के दौरान कहा कि ‘भाजपा सरकार पूरी तरह से तानाशाही कर रही है। वो सरकारी मशीनरी का प्रयोग करके लोकतन्त्र को खत्म करना चाहती है। इसके लिए हम संघर्ष करेंगे। चुनाव आयोग को पहले ही लिखित में शिकायत की गई है। हमारी मांग है कि जहां भी भाजपा ऐसी हरकतें करेगी वहाँ फिर से मतदान कराना चाहिए।’
सरकार बनाने की स्थिति से फेल सपा
समाजवादी पार्टी ने हाल ही मे हुए विधान सभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन सरकार बनाने की स्थिति में वो नहीं आ पाए। ऐसे में एमएलसी चुनाव में अपने ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशियों को जितना उनका एक बड़ा लक्ष्य होगा। वहीं अखिलेश यादव लगातार अपने सहयोगियों के हितों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। जिससे वो काफी दबाव महसूस कर रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में नई सरकार गठन के बाद ही बड़ी चुनौतियाँ सामने आएंगी। जिसमें सबसे पहले लोकसभा चुनाव 2024 ही होंगे।