लखनऊ। राजधानी के लखनऊ में एक निजी अस्पताल मेदांता में पहली बार लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। हाल ही में अस्पताल में दो मरीजों का सफल लिवर ट्रांसप्लांट हुआ। ट्रांसप्लांट करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि फरवरी में दोनों के लिवर ट्रांसप्लांट किए गए, उसके बाद से दोनों ही मरीज स्वस्थ हैं और आने वाले दो दिनों में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
लखनऊ- अयोध्या के मरीजों को दो दिनों में किया जाएगा डिस्चार्ज
हेपेटोबिलरी साइंसेज के निदेशक डॉ.अभय वर्मा ने बताया कि एक मरीज अयोध्या का है। वहीं, दूसरा लखनऊ जिले का मूल निवासी है। दोनों ही मरीजों के लिवर का 80 फीसदी भाग खराब हो गया था। दोनों ही मरीजों को लिवर में सूजन, पानी भरने की समस्या, उल्टी की शिकायत थी। यही कारण है कि लिवर ट्रांसप्लांट की दिशा में कदम बढ़ाया गया।
जाने ट्रांसप्लांट में कितना समय लगा
सर्जन डॉ. रोहन चौधरी ने बताया कि अयोध्या के मरीज देशराज और लखनऊ के मरीज सौरभ मिश्रा दोनों के ही इलाज में करीब 21-21 लाख रुपए का खर्च आया। दोनों के ही लिए लिवर की बीमारी बढ़ने पर लिवर ट्रांसप्लांट ही आखिरी विकल्प था। राहत की बात रही कि अब दोनों मरीज स्वास्थ्य हैं। डॉ. एएस सोइन ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट में करीब आठ से नौ घंटे का समय लगा। वहीं, डोनर के ऑपरेशन में भी करीब 6 घंटे लगे।
डॉक्टरों की इन टीमों ने किया लिवर ट्रांसप्लांट
लिवर ट्रांसप्लांट करने वाली टीम में डॉ. एएस सोइन, डॉ. अमित रस्तोगी, डॉ. प्रशांत भंगुई, डॉ. रोहन चौधरी, हेपेटोबिलरी साइंसेज के निदेशक डॉ. अभय वर्मा के साथ एनेस्थेटिस्ट डॉ.विजय वोहरा और डॉ.सीके पांडेय।