भास्कर समाचार सेवा
हरिद्वार। जगजीतपुर फूटबॉल ग्राउंड के निकट स्थित श्री बालाजी धाम, श्रीसिद्धबलि हनुमान मंदिर एवं श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महंत दिगंबर आलोक गिरी के सानिध्य में मकर संक्रांति पर्व पर खिचड़ी महाभोज का आयोजन किया जा रहा है। महंत आलोक गिरी ने बताया कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर-संक्रांति कहलाता है। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि सूर्य की मकर-संक्रांति को महापर्व का दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने पर सभी कष्टों का निवारण हो जाता है इसीलिए इस दिन दान, तप, जप का विशेष महत्व है। आलोक गिरी महाराज ने कहा कि माना जाता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके घर जाते है। चूंकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था। मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं। मकर-संक्रांति से प्रकृति भी करवट बदलती है। इस दिन लोग पतंग भी उड़ाते हैं। आलोक गिरी महाराज ने आने वाले श्रद्धालुओं से निवेदन भी किया गया है कि वह कार्यक्रम में मास्क, सैनिटाइजर एवं 2 गज की दूरी के नियमों का पालन करें।