कोराना संक्रमण के चलते पालीटेक्निक की आनलाइन सेमेस्टर परीक्षाएं 20 जनवरी से शुरू हो रही हैं। लखनऊ समेत सूबे की सभी संस्थानों के दो लाख से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देंगे। संस्थानों में कंप्यूटर की कमी के चलते प्राविधिक शिक्षा परिषद घर पर ही मोबाइल फोन व लैपटाप से परीक्षा कराने की तैयारी कर चुका है। कोरोना काल में बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। सूबे के 154 सरकारी, 19 अनुदानित और 1177 निजी पालीटेक्निक में संचालित पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं होनी हैं। प्राविधिक शिक्षा परिषद ने सभी विषयों की परीक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया है।
30 विद्यार्थियों पर एक आब्जर्वरः मोबाइल फोन पर परीक्षा कराने के निर्णय के साथ ही नकल रोकने की चुनौती भी परिषद के सामने होगी। नकल रोकने या उसके पास कोई बैठकर पेपर हल कराने वाले को कैसे रोका जाएगा, इसे लेकर भी मंथन चल रहा है। 30 विद्यार्थियों पर एक आब्जर्वर होगा तो बच्चों की गतिविधियों पर आनलाइन नजर रखेगा। हालांकि पिछले साल अगस्त में हुई परीक्षा के दौरान नकल राेकने के बंदोबस्त पर सवाल उठे थे। कई विद्यार्थियों द्वार पेपर मोबाइल फोन से लीक करने का षडयंत्र करके अधिकारियों की नींद उड़ा दी थी। ऐसे में एक बार फिर इस व्यवस्था को लेकर अधिकारी सतर्कता बरत रहे हैं।
पालीटेक्निक पर एक नजर
- सरकारी संस्थान-154
- सहायता प्राप्त संस्थान-19
- निजी संंस्थान-1177
- कुल विद्यार्थी-2.10 लाख
कोरोना संक्रमण से विद्यार्थियों को बचाने के लिए मोबाइल फोन या लैपटाप पर प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिका भेजी जाएगी। बहु विकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। साफ्टवेयर के माध्यम से नकल रोका जाएगा। इसे लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक होगी। विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है। परीक्षाएं 20 जनवरी से प्रस्तावित हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मोबाइल फोन से परीक्षाएं कराने पर अधिकारियों को निर्णय लेना है। -सुनील कुमार सोनकर, सचिव,प्राविधिक शिक्षा परिषद