दिल्ली। कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने सीबीएससी व आईसीएसई बोर्ड की 12 वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। ऐसे में विश्वविद्यालयों के सामने यह एक बड़ा सवाल है कि वह अपनी प्रवेश प्रक्रिया का आधार क्या रखेंगे। विश्वविद्यालयों में प्रवेश, प्रवेश परीक्षा के आधार पर मिलेगा या मेरिट के आधार पर?
मेरिट के आधार पर प्रवेश देने की तैयारी कर रहा दिल्ली विश्वविद्यालय
इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय इस वर्ष भी मेरिट के आधार पर दाखिले देने का मन बना चुका है। यह जानकारी दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति पीसी जोशी ने दी है। पीसी जोशी ने आज कहा है कि डीयू में करीब 70000 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया जुलाई से शुरू हो सकती है। दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला इस साल भी मेरिट के आधार पर होगा। सीबीएसई व अन्य राज्यों के बोर्ड जो भी परिणाम देंगे उसके आधार पर ही मेरिट तय करके दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय भारत सरकार के 12 वीं की परीक्षा ना कराने के फैसले के साथ हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया के अध्यक्ष राजीव गुप्ता बताते हैं कि सीबीएससी के फार्मूले के अनुसार ही हम अपने कटऑफ घोषित करेंगे। सीबीएसई व राज्यों द्वारा जारी रिजल्ट के आधार पर ही हम प्रवेश के लिए कटऑफ घोषित करेंगे।
आपको बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक कॉमन प्रवेश परीक्षा भी प्रस्तावित है। लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण उत्पन्न स्थितियों में प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता नहीं दिख रहा है। पीसी जोशी कहते हैं कि अगर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए कॉमन प्रवेश परीक्षा होती है तो वे उसके मुताबिक ही चलेंगे। सीबीएसई अन्य राज्यों के बोर्ड के नतीजे के आने के बाद ही दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए कॉमन प्रवेश परीक्षा होगी या नहीं
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के राजीव गुप्ता कहते हैं कि जब भी यह परीक्षा होती है हम इसे कराने के लिये प्रतिबद्ध हैं। दिक्कत यह है कि इसके लिये देश भर में राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। कोरोना महामारी के इस दौर में कोई भी यह बताने की स्थति में नही है कि विभिन्न शहरों में स्थिति कैसी होगी और क्या यह परीक्षा आयोजित की जा सकती है। छात्रों के व्यापक हितों को देखते हुए सीबीएसई फार्मूला ही छात्रों के लिये सर्वोत्तम सम्भव विकल्प है।
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को एक प्रस्ताव भेजा था। जिसके अनुसार प्रवेश का आधार 12 वीं के रिजल्ट व केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिये कॉमन प्रवेश परीक्षा दोनों को समान रूप से बनाया जाना था। प्रवेश के लिये अंतिम मेरिट दोनों परीक्षाओं के रिजल्ट के आधार पर बनाई जाने की बात कही गयी थी।