बिहार चुनाव को लेकर सूबे की सियासत मे उबाल है. टिकट बंटवारे को लेकर दलों में मदभेद हैं तो प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से नाराज नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल का रुख कर रहे हैं. बिहार विधानसभा का चुनाव तीन चरणों में होगा. पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर, दूसरे चरण का मतदान 03 नवंबर और तीसरे व आखिरी चरण का मतदान 07 नवंबर को होगा. 10 नवंबर को नतीजे आएंगे. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है. लिहाजा इससे पहले किसी भी दल को नई सरकार बनाना होगा.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर किए गए एक सर्वे के मुताबिक राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार बनती दिख रही है. टाइम्स नाउ और सी वोटर के ओपनियन पोल में ऐसा ही कुछ आंकड़ा सामना आया है. सर्वे के मुताबिक बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में 160 सीट पर एनडीए को बड़ी जीत मिलने जा रही है.
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 76 सीटें मिल सकती हैं. अन्य को 7 सीटें, जिसमें पांच एलजेपी को मिल सकती हैं. अगर पार्टी वाइज सीटों की बात करें तो एनडीए के 160 सीटों में बीजेपी के खाते में 85, जेडीयू को 70 और हम और वीआईपी को 5 सीटें मिल सकती हैं. वहीं महागठबंधन में आरजेडी को 56 सीटें, कांग्रेस को 15 और लेफ्ट को 5 सीटें मिल सकती हैं.
मुख्यमंत्री के रूप में कौन पसंद है के सवाल के जवाब 32 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार के नाम पर हामी भरी है, दूसरे नंबर पर 17.6 फीसदी लोगों ने तेजस्वी यादव को और 12.5 फीसदी लोगों ने सुशील मोदी का नाम लिया.
बता दें कि इससे पहले एबीपी न्यूज और सी वोटर की ओर से किए गए सर्वे में एनडीए की सत्ता में फिर से वापसी के आसार नजर आए थे. वहीं, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन पीछे नजर आया था. इस सर्वे में एनडीए को 141 से 161 सीटें सकती हैं. यूपीए को 64 से 84 सीटें मिल सकती है. बाकी दलों के खाते में 13 से 23 सीटें जाने का अनुमान था.