नई दिल्ली। बिहार चुनाव के प्रथम चरण में दिव्यांग और 80 वर्ष से ऊपर की आयु के 52 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग पोस्टल मतपत्रों के माध्यम से करेंगे। चुनाव आयोग ने 4 लाख ऐसे मतदाताओं तक पहुंच बनाकर उनसे पूछा था कि वह कैसे अपना मताधिकार प्रयोग करना चाहते हैं।
आयोग ने विशेष श्रेणियों के मतदाताओं से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए पहले ही कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। आयोग का कहना है कि बिहार चुनावों के अगले दो चरणों और देशभर में होने वाले उप चुनावों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इससे कोरोना महामारी के दौरान विशेष श्रेणी के मतदाताओं के लिए मतदान करना आसान हो सकेगा। अगले दो चरणों में विशेष श्रेणी के 12 लाख मतदाताओं से बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) मिलकर उनकी राय जानेंगे।
चुनाव आयोग की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार बिहार के 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर प्रथम चरण में मतदान होना है। आयोग ने अति प्रौढ़ और दिव्यांग श्रेणी के लोगों को पोस्टल मतपत्रों से मतदान का अधिकार दिया है। इनमें से 4 लाख तक बीएलओ ने पहुंच बनाई और उनसे जाना कि वह कैसे अपने मताधिकार प्रयोग करना चाहेंगे। इसमें 52 हजार ने पोस्टल मतपत्रों से मतदान करने की इच्छा जाहिर की है। इन सभी को पहले से तय तिथि पर उचित सुरक्षा मानदंडों के साथ पोस्टल मतपत्र दिए जाएंगे।