पूर्णिया
बिहार में महिलाओं की भागीदारी राजनीति में बढ़ रही है। 2015 के विधानसभा चुनाव में 28 महिला विधायक चुनाव जीत कर आई थीं। इस बार भी राजनीतिक दलों ने महिलाओं को खूब टिकट दिए हैं। लेकिन आज बात बिहार के पूर्णिया जिले स्थित 2 विधानसभा क्षेत्रों की करते हैं, जहां से लगातार महिला विधायक चुनाव जीत कर आती रही है। इन दोनों विधायकों का हर बार सामाना पुरुष उम्मीदवारों से ही हुआ है। लेकिन इनकी आंधी में लोग कहीं नहीं टिक पाते हैं।
पूर्णिया के रुपौली और धमदाहा विधानसभा क्षेत्र पर महिलाओं का दबदबा है। रुपौली सीट से नीतीश सरकार में गन्ना मंत्री बीमा भारती पिछले 15 सालों से लगातार चुनाव जीत कर आ रही है। वहीं, धमदाहा सीट से लेशी सिंह चुनाव जीत रही हैं। बीमा भारती और लेशी सिंह का मुकाबला पुरुष उम्मीदवारों से ही होता है। लेकिन दोनों अपने-अपने इलाकों में वोटबली हैं। दोनों जेडीयू से ही आती हैं। पार्टी ने फिर से दोनों महिला विधायकों को टिकट देकर मैदान में उतारा है।
2005 से लगातार जीत रहीं बीमा भारती
बिहार सरकार में गन्ना मंत्री बीमा भारती बाहुबली अवधेश मंडल की पत्नी हैं। बीमा रुपौली सीट से 2005 से लगातार चुनाव जीत रही हैं। 2005 में वह आरजेडी से चुनाव लड़ी थीं। 2010 और 2015 में जेडीयू से लड़ी हैं। बीमा भारती नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी के प्रेम प्रकाश मंडल को चुनाव हराई थी। उससे पहले के 2 चुनावों में बीमा ने एलजेपी के शंकर सिंह को हाराया था। बीमा भारती 2010 में करीब 10 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीती थीं।
जेडीयू ने फिर दिया है टिकट
बीमा भारती कुछ साल पहले अपने पति के साथ विवादों को लेकर भी सुर्खियों में थी। नीतीश कुमार ने 2020 में भी बीमा भारती को रुपौली से टिकट दिया है। वहीं, बीमा भारती इस बार अपने पति अवधेश मंडल के साथ सिंबल लेने आई थीं। अवधेश मंडल ने कहा था कि हम लोग फिर से चुनाव जीतेंगे। अब कोई दिक्कत नहीं है।
धमदाहा पर लेशी सिंह का कब्जा
वहीं, धमदाहा सीट से भी जेडीयू नेत्री लेशी सिंह 3 बार विधायक रह चुकी हैं। 2000, 2010 और 2015 में वह धमदाहा से विधायक रही हैं। सिर्फ 2015 में लेशी की हार हुई थी। वह नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री भी रही हैं। लेसी सिंह को जेडीयू ने फिर से 2020 में टिकट दिया है। धमदाहा सीट पर लेशी सिंह का मुकाबला भी पुरुष उम्मीदवारों से ही रहा है। 2015 के चुनाव में लेशी सिंह ने आरएलएसपी के शंकर आजाद को करीब 30 हजार वोटों से हराया था।
गौरतलब है कि लेशी सिंह बूटन सिंह की पत्नी है। बूटन सिंह की हत्या के बाद लेशी साल 2000 में राजनीति में कदम रखी थीं। 19 अप्रैल 2020 को बूटन सिंह की हत्या पूर्णिया सिविल कोर्ट में गोली मार कर हुई थी। उस समय वह न्यायिक हिरासत में थे और उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था।