
शिमला। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) अब प्रदेशभर में 80 ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। यह स्टेशन शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करेंगे। पहले इस योजना के तहत 53 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने थे, लेकिन अब संशोधित डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर नाबार्ड को भेज दी गई है। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
डीपीआर में बड़ा बदलाव
एचआरटीसी ने पहले तैयार डीपीआर में बदलाव करते हुए चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 53 से बढ़ाकर 80 कर दी है ताकि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों को इस सुविधा से जोड़ा जा सके। यह कदम सरकार की पर्यावरण संरक्षण नीति और ई-वाहनों को बढ़ावा देने की योजना के अनुरूप उठाया गया है।
नाबार्ड देगा 128 करोड़ का ऋण
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने इस परियोजना के लिए 128 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है। नाबार्ड की ओर से 35 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी की जा चुकी है।
परियोजना के तहत 90 प्रतिशत राशि नाबार्ड और 10 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
ई-वाहनों को मिलेगा प्रोत्साहन
सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर प्रेरित हों। ई-चार्जिंग स्टेशन बनने से वाहनों की चार्जिंग में आसानी होगी और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटेगी।
इस परियोजना पर एचआरटीसी पिछले एक वर्ष से काम कर रहा है, हालांकि डीपीआर संशोधन के चलते निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है।
एचआरटीसी एमडी निपुण जिंदल बोले
“शहरों के साथ प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों को कवर करने के लिए अब 53 की जगह 80 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है।
हमारा उद्देश्य प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए अधिक से अधिक लोगों तक इस सुविधा को पहुंचाना है।”
— निपुण जिंदल, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी