यूपी में 71 हजार सुहागिनें अपनी मर्जी से बनीं विधवा! आधार कार्ड से खुला राज

लखनऊ। मुफ्त राशन योजना में बड़ा धोखा सामने आया है। जांच में 10.71 लाख राशन कार्ड धारक गलत पाए गए हैं। इनमें 71 हजार महिलाएं भी हैं, जो शादीशुदा होने के बावजूद खुद को विधवा दिखाकर योजना का लाभ ले रही थीं।

इसके अलावा, ऐसे किसान भी राशन पा रहे थे जिनके पास पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है, यानी 7.50 लाख किसान और 2.50 लाख आयकरदाता भी राशन लेने वालों में शामिल हैं। विभाग ने इन सभी के राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। अब इनके स्थान पर गरीबी रेखा के हिसाब से तय परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है।

यह बड़ा धोखा है कि धोखाधड़ी कर राशन लेने वाली महिलाओं की पेंशन भी बंद कर दी गई है।

राज्य में अभी 3.61 करोड़ राशन कार्ड धारक हैं। इनमें अंत्योदय योजना वाले परिवारों को हर महीने 35 किलो राशन और पात्र गृहस्थी कार्ड वाले परिवार के हर सदस्य को पांच किलो राशन मिल रहा है।

कुछ समय पहले, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा था कि गलत राशन कार्ड वाले लोगों की पहचान कर उनके स्थान पर सही परिवारों के कार्ड बनवाए जाएं। इसके बाद विभाग ने सत्यापन का अभियान चलाया।

विभाग ने आधार कार्ड, ई-केवाईसी और अन्य तकनीकों की मदद से इन धोखाधड़ी करने वालों की पहचान की। साथ ही, इनकम टैक्स और प्रधानमंत्री किसान योजना जैसे सरकारी डाटा का भी इस्तेमाल किया गया।

इस जांच में पता चला कि शादीशुदा महिलाएं, आयकरदाता और बड़े किसान झूठ से राशन का फर्जी लाभ ले रहे थे। इससे पहले भी विभाग 9.58 लाख झूठे कार्ड बंद कर चुका है।

गलत कार्ड वालों को बाहर करने के बाद, विभाग ने 2 लाख से अधिक परिवारों के सही राशन कार्ड बनाए हैं। बाकी परिवारों के भी नए राशन कार्ड बनाने का काम चल रहा है।

जो महिलाएं राशन कार्ड रद्द हो जाने से परेशान हैं, वे अब निराश्रित विधवा पेंशन का भी लाभ नहीं ले पा रही हैं।

खाद्य विभाग के अधिकारी भूपेंद्र एस. चौधरी ने बताया कि जांच में झूठे पाए गए कार्डों को रद्द किया गया है। विभाग आधार नंबर से हर राशन कार्ड की जानकारी जोड़ने का काम कर रहा है, जो लगभग पूरा हो चुका है।

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