छत्तीसगढ़ में 7 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने किया सरेंडर, 37 लाख का था इनाम

Gariaband : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सात नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन नक्सलियों पर कुल 37 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर करने वालों में चार महिला नक्सली भी शामिल हैं। इनके पास से कई हथियार बरामद किए गए हैं।

सरेंडर करने वालों की पहचान

पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान डिविजनल कमेटी सदस्य सुनील उर्फ जगतार सिंह, उसकी पत्नी और उदंती एरिया कमेटी की सचिव अरीना टेकाम उर्फ सुगरो, उदंती एरिया कमेटी की डिप्टी कमांडर विद्या उर्फ जमली, एरिया कमेटी सदस्य लुदरो उर्फ अनिल, नंदनी, कांति और मल्लेश के रूप में हुई है।

इनमें से सुनील और अरीना पर 8-8 लाख रुपये, विद्या, लुदरो, नंदनी और कांति पर 5-5 लाख रुपये, जबकि मल्लेश पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

हथियारों के साथ किया आत्मसमर्पण

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने छह हथियारों के साथ सरेंडर किया है, जिनमें इंसास और एसएलआर राइफल भी शामिल हैं। सुनील उर्फ जगतार सिंह मूल रूप से हरियाणा के कुरुक्षेत्र का निवासी है। वर्ष 2004 में वह यमुनानगर (हरियाणा) में माओवादियों के संगठन शिवालिक जनसंघर्ष मंच से जुड़ा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात बड़े नक्सली नेताओं लंका पापा रेड्डी और सुब्रमण्यम से हुई और उनके निर्देशन में उसने काम करना शुरू किया।

अलग-अलग जिलों के हैं सभी नक्सली

अधिकारियों के अनुसार, दिसंबर 2015 में सुनील का संपर्क हिमाचल प्रदेश के सोलन में सक्रिय नक्सली मनदीप से हुआ, जिसके बाद वह ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के जंगलों में पहुंचा। वहां उसकी मुलाकात केंद्रीय समिति सदस्य संग्राम उर्फ मुरली से हुई, जिसके बाद उसने संगठन में शामिल होकर छत्तीसगढ़-ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करना शुरू किया। बाद में उसने नक्सली अरीना से विवाह कर लिया।

बताया गया कि अरीना और कांति कांकेर जिले, विद्या बीजापुर जिले, लुदरो दंतेवाड़ा जिले, जबकि नंदनी और मल्लेश सुकमा जिले के निवासी हैं।

कई घटनाओं में रहे शामिल

अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाले ये सभी नक्सली कई बड़ी घटनाओं — जैसे पुलिस दल पर हमला, बारूदी सुरंग विस्फोट और वाहनों में आगजनी — में शामिल रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, उन्होंने माओवादियों की खोखली विचारधारा और जंगल के कठिन जीवन से तंग आकर, साथ ही शासन की पुनर्वास नीति और पहले आत्मसमर्पण कर चुके साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।

राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा

अधिकारियों ने कहा कि सभी नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा ताकि वे मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जी सकें।

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