
Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश पुलिस में 4000 नए कांस्टेबलों की भर्ती का कार्य सम्पन्न हो चुका है, जिनकी ट्रेनिंग अब राज्य के 8 पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों (PTS) में प्रारंभ हो गई है। इनमें से लगभग 10 प्रतिशत आरक्षकों ने अपनी 9 महीने की प्रशिक्षण अवधि के लिए विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए अपने गृह नगर के निकटस्थ PTS में प्रशिक्षण लेने का आवेदन किया है।
इस मामले में एमपी पुलिस के ट्रेनिंग विभाग के प्रमुख ने इन आरक्षकों को समझाते हुए भगवान राम की मिसाल दी है कि श्रीराम ने एक आदेश पर 14 वर्षों का वनवास स्वीकार किया था, जिसमें उन्होंने मानवता की सेवा की और आगे चलकर मध्य प्रदेश पुलिस के भविष्य को आकार देने वाले इन आरक्षकों को भी अपने घर के आसपास ट्रेनिंग लेने की इच्छा जताने का अवसर दिया है।
एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने कहा कि 1 जुलाई 2024 से लागू नए क्रिमिनल लॉ में अत्यधिक तकनीकी तत्वों को शामिल किया गया है। बेसिक कांस्टेबल कोर्स में भी हमने हाल ही में संशोधन कर कई नए प्रयोग किए हैं ताकि हर प्रशिक्षण प्राप्त कांस्टेबल ई-कोप बनकर बाहर निकले। ट्रेनिंग के दौरान प्राप्त एप्लीकेशनों के जरिए पीटीएस में बदलाव की प्रक्रिया भी तेज की गई है। जब वह एसपी पीटीएस को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने भगवान राम का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने वनवास के दौरान रावण का वध किया और अपने अनुशासन, धैर्य और रणनीति से सफलता प्राप्त की।
उन्होंने आगे कहा कि यदि आप लोग अभी से ही होम सिकनेस जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो भविष्य में स्टेट स्तर पर पोस्टिंग के दौरान इन चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे? बालाघाट जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पोस्टिंग संभव है, तो आप सभी को अपने कमिटमेंट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आप सभी ग्रामीण और उपनगर क्षेत्रों से हैं, और आपका लक्ष्य ई-कोप बनना है। नौ महीने का यह प्रशिक्षण का समय अमूल्य है, अतः अपने प्रशिक्षण पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। भगवान राम और उनके वनवास का उदाहरण देते हुए, उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने का प्रयास किया।
इसके अतिरिक्त, पूर्व में ग्वालियर में बतौर एडीजी कार्यभार संभालते हुए, राजाबाबू सिंह ने गीता ज्ञान अभियान चलाया था। इस पहल के तहत, उन्होंने स्कूली बच्चों को भगवत गीता का उपदेश दिया और दषहरा के अवसर पर जेल में बंद कैदियों को भी गीता की पुस्तकें वितरित की थीं। उन्होंने कहा कि भगवत गीता अब हमारे शिक्षणक्रम का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है और यह हमारे सनातन धर्म का एक अनमोल ग्रंथ है।
मालूम हो कि राजाबाबू सिंह मध्य प्रदेश काडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने कश्मीर में बीएसएफ और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में भी सेवाएं दी हैं।
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