हिमाचल में भूस्खलन से 6 नेशनल हाइवे और 1286 सड़कें बंद, अब तक 343 लोगों की मौत

शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही व्यापक वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन और सड़क टूटने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। गुरुवार सुबह तक प्रदेश भर में छह नेशनल हाइवे और 1286 सड़कें अवरुद्ध पड़ी रहीं, जिससे भारी संख्या में वाहन फंस गए हैं और लोगों को लंबा सफर तय करने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बंद पड़े नेशनल हाइवे में बिलासपुर जिला का एनएच-21 और एनएच-205, किन्नौर का एनएच-05, कुल्लू का एनएच-3 और एनएच-305, लाहौल-स्पीति का एनएच-505 और मंडी का एनएच-03 शामिल हैं। सबसे अधिक 293 सड़कें मंडी में बंद हैं। कुल्लू में 225, शिमला में 216, चंबा में 204 और कांगड़ा में 53 सड़कें बंद पड़ी हैं।

बारिश से विद्युत और पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश में 2809 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं, जिनमें अकेले कुल्लू में 1096, शिमला में 405, मंडी में 404, सिरमौर में 307, सोलन में 304 और चंबा में 219 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। वहीं 1081 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जिनमें सबसे अधिक 349 शिमला, 212 कांगड़ा और 194 चंबा की हैं।

मॉनसून सीजन में अब तक भारी तबाही हो चुकी है। प्रदेश में अब तक वर्षा जनित हादसों में 343 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 43 लोग लापता और 398 घायल हैं। जिला वार आंकड़ों के अनुसार मंडी में सबसे अधिक 51, कांगड़ा में 50, चंबा में 42, शिमला में 36, कुल्लू में 30, किन्नौर में 28, सोलन में 24, उना में 21, बिलासपुर व सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की जान गई है। मॉनसून के दौरान 1908 पशुओं और 25,755 पॉल्ट्री पक्षियों की भी मौत हुई है।

संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है। बारिश और भूस्खलन से 4848 कच्चे-पक्के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 975 पूरी तरह ध्वस्त हो गए। इसके अलावा 491 दुकानें और 4244 पशुशालाएं भी धराशायी हुई हैं। राज्य सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान का प्रारंभिक आकलन 3690 करोड़ रुपये लगाया है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 2252 करोड़, जलशक्ति विभाग को 1147 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदेश में अब तक भूस्खलन की 127, फ्लैश फ्लड की 95 और बादल फटने की 45 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं।

मौसम विभाग के अनुसार धर्मपुर में बुधवार बीती रात से सुबह तक सबसे अधिक 74 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। करसोग में 69, कसौली में 67, कंडाघाट में 59, नैनादेवी में 58, भुंतर में 55, बिलासपुर में 50, सराहन और शिमला में 47-47 और काहू में 45 मिलीमीटर बारिश हुई। विभाग ने आज और कल के लिए प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि छह सितंबर से मॉनसून कमजोर पड़ने के आसार हैं, जिससे अगले सप्ताह लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।

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