
[ रिशभ गोयल, एमडी, टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज ]
लखनऊ । जनवरी 2025 भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण महीना रहा, जहां निवेशकों की बदलती प्राथमिकताएँ, इक्विटी निवेश में उतार-चढ़ाव और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) में बदलाव देखने को मिले।रिशभ गोयल, एमडी, टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार “लगभग 5 लाख SIP अकाउंट्स के बंद होने से चिंताएँ जरूर बढ़ीं, लेकिन बड़े कैप फंड्स और गोल्ड ETFs में निवेशकों का भरोसा बरकरार है।
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SIP को बढ़ावा देने के लिए SEBI और AMFI की नई पहल –
SEBI और AMFI द्वारा हाल ही में लॉन्च की गई छोटी SIP, तरुण योजना और MITRA जैसी पहल वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। छोटी SIP के तहत अब 250 रूपए से SIP शुरू की जा सकती है, जिससे निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी, खासकर उन लोगों की जो पहली बार निवेश कर रहे हैं। तरुण योजना स्कूली शिक्षा में वित्तीय साक्षरता (financial literacy) को शामिल करने पर केंद्रित है, वहीं MITRA एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को उनके भूले-बिसरे निवेश को ट्रैक करने और पुनः प्राप्त करने में मदद करेगा।
म्यूचुअल फंड के प्रमुख निवेश रुझान और उनके प्रभाव, बड़े कैप फंड्स में बढ़ती रुचि –
जनवरी 2025 में लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड्स में निवेश में भारी उछाल देखा गया। निवेशकों ने इस श्रेणी में 30.63 बिलियन रूपए का निवेश किया, जो पिछले महीने की तुलना में 52.3% अधिक है। अस्थिर बाजार स्थितियों के कारण निवेशक अब अधिक स्थिरता की तलाश कर रहे हैं, और बड़े-कैप स्टॉक्स आमतौर पर मिड-कैप और स्मॉल-कैप की तुलना में कम जोखिम और स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं।
गोल्ड ETFs में रिकॉर्ड निवेश प्रवाह –
जनवरी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेशकों ने 37.51 बिलियन रूपए का निवेश किया। महंगाई और आर्थिक अनिश्चितताओं से बचाव के लिए सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट है कि निवेशक अस्थिर बाजार में सुरक्षित विकल्प तलाश रहे हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल गिरावट –
हालांकि लार्ज-कैप फंड्स और गोल्ड ETFs में अच्छा निवेश हुआ, लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल निवेश 3.6% घटकर 396.88 बिलियन रूपए रह गया। यह दिखाता है कि निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और कुछ अपनी पूंजी को सुरक्षित परिसंपत्तियों में स्थानांतरित कर रहे हैं।
बाजार की अस्थिरता और SIPs पर प्रभाव –
पिछले कुछ महीनों में बाजार में अधिक अस्थिरता देखी गई। निफ्टी अपने पिछले उच्च स्तर 26,216 से लगभग 12% गिर चुका है, जबकि निफ्टी नेक्स्ट 50 में लगभग 20% की गिरावट आई है। व्यापक बाजार भी 13% तक नीचे आए हैं।
बाजार में इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं –
घरेलू आय वृद्धि में मंदी
महंगे वैल्यूएशन
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड्स का उच्च स्तर
ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं में कमी
भू-राजनीतिक तनाव
इन सभी कारकों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया, जिससे SIP बंद करने के मामले सामने आए।
SIP अकाउंट्स बंद लेकिन निवेश जारी –
जनवरी 2025 में 5 लाख SIP अकाउंट्स बंद हुए, जिससे बाजार में चिंता बढ़ गई। हालांकि, SIP में निवेश स्थिर बना रहा और 264 बिलियन रूपए का योगदान हुआ, जो दिसंबर 2024 के रिकॉर्ड 266 बिलियन रूपए से केवल मामूली कम है। यह दर्शाता है कि कुछ निवेशकों ने अस्थायी तरलता संकट के कारण SIP बंद कर दी, लेकिन अधिकांश निवेशक अब भी अनुशासित निवेश जारी रखे हुए हैं।
SEBI द्वारा SIP भागीदारी बढ़ाने के प्रयास –
SIP खातों में गिरावट को देखते हुए SEBI ने SIP निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई पहल की है। इनमें सबसे प्रमुख है “छोटी SIP”, जिसके तहत सिर्फ 250 रूपए में SIP शुरू की जा सकती है। यह विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप में सतर्कता जरूरी –
मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में उच्च वृद्धि की संभावना होती है, लेकिन वे अत्यधिक अस्थिर भी होते हैं। जनवरी 2025 में निवेशक इन फंड्स में निवेश करने को लेकर अधिक सतर्क रहे और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाली कंपनियों पर ही ध्यान केंद्रित किया।
इक्विटी-ओरिएंटेड फंड्स की पकड़ बरकरार –
इक्विटी-ओरिएंटेड फंड्स अभी भी भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग पर हावी हैं। तकनीक, हेल्थकेयर और उपभोक्ता वस्तुओं (FMCG) जैसे उच्च-विकास क्षेत्रों में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है।
SIPs के जरिए खुदरा निवेशकों की भागीदारी –
SIP खुदरा निवेशकों के लिए सबसे लोकप्रिय निवेश साधन बना हुआ है। मार्केट अस्थिरता के बावजूद SIP में निरंतर निवेश जारी है, जिससे संकेत मिलता है कि अधिकांश निवेशक लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन की रणनीति को अपनाए हुए हैं।
2025 के लिए निवेश रणनीतियाँ: मुख्य बिंदु –
SIP जारी रखें: दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण के लिए SIP अभी भी सबसे मजबूत साधन है।
बड़े-कैप फंड्स को प्राथमिकता दें: अनिश्चितता के समय में ये सुरक्षित और स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं।
विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करें: गोल्ड ETFs में बढ़ते निवेश से स्पष्ट है कि विविध पोर्टफोलियो होना आवश्यक है।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप में सतर्कता बरतें: केवल मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाली कंपनियों में निवेश करें।
दीर्घकालिक सफलता के लिए संतुलित दृष्टिकोण –
जनवरी 2025 ने निवेशकों की मानसिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाया—सतर्कता और आत्मविश्वास का मिश्रण। SIP अकाउंट्स बंद होने और इक्विटी में निवेश में मामूली गिरावट से चिंता हो सकती है, लेकिन निवेशकों की प्रतिबद्धता लार्ज-कैप फंड्स और गोल्ड ETFs में बढ़ती रुचि के रूप में सामने आई। SEBI की छोटी SIP पहल खुदरा निवेशकों की भागीदारी को और बढ़ावा दे सकती है, जिससे म्यूचुअल फंड उद्योग को मजबूती मिलेगी।
जैसे-जैसे बाजार विकसित होगा, एक संतुलित निवेश दृष्टिकोण—स्थिरता, विविधीकरण और अनुशासित निवेश पर आधारित—दीर्घकालिक वित्तीय सफलता की कुंजी साबित होगा।












