
रूपईडीहा/बहराइच। इण्डो नेपाल बार्डर पर नेपाल व भारत के जवान रात दिन पहरा दे रहे है। वह इसलिए कि भारत से नेपाल व नेपाल से भारत कोई आ जा न सके। इस संबंध मे पिछले दिनों खबरे भी लिखी गयी। भारतीय सुरक्षाबलों का दावा है कि खबरे गलत है। परन्तु खबर को बल बुधवार को 38 भारतीय युवकों के नेपाल से अपने गांव करीमगांव पहुंचने पर मिला। ये लोग हवाई मार्ग से तो आये नही। नेपाली व भारतीय सुरक्षाबल के जवान अहर्निश पहरेदारी भी कर रहे है। रूपईडीहा थाना क्षेत्र के करीमगांव मे अफरा तफरी का माहौल है। पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम इनकी जांच मे लगी है।
इन 38 लोगों को करीमगांव के बाहर प्राथमिक विद्यालय मे रोक दिया गया है। सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी चर्दा डा. अर्चित कुमार श्रीवास्तव से बात की गयी तो उन्होने बताया कि इन करीमगांव पहुंचे भारतीय लोगों ने बताया कि हम लोग नेपाल सीमा से सटे भारतीय गांव रंजीतबोझा, पचपकरी, रूपईडीहा रेंज, निबिया, मनवरिया व अब्दुल्लागंज जंगल के रास्ते एक-एक कर रात मे सीमा पार किए है। इस संबंध मे जब 42वीं वाहिनी के डिप्टी कमांडेंट शैलेष यादव से बात की गयी तो उन्होने कहा कि अब लाक डाउन का सख्ती से पालन होगा। जवानों को कड़ाई से भारत-नेपाल के बीच अवागमन रोकने के सख्ती से आदेश दिए जायेंगे।











