
मुंबई। 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की 17वीं बरसी पर बुधवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान हमले में शहीद हुए सुरक्षा बलों और निर्दोष नागरिकों को याद किया गया। कार्यक्रम में आतंकी हमलों के खिलाफ देश की संकल्प शक्ति को दोहराया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि देश उन वीर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को हमेशा कृतज्ञता के साथ याद रखेगा। राष्ट्रपति ने देशवासियों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करें तथा राष्ट्र निर्माण में एकजुट होकर आगे बढ़ें।
गौरतलब है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को समुद्री मार्ग से मुंबई पर हमला किया था। 60 घंटे तक चले इस खूनी आतंक में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे।
मुंबई हमले के विशेष अभियोजक और राज्यसभा सांसद उज्जवल निकम ने पाकिस्तान की भूमिका पर एक बार फिर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 17 साल बीतने के बाद भी पाकिस्तान हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया। निकम ने बताया कि भारत की ओर से सभी सबूत और डोजियर देने के बावजूद पाकिस्तान की सरकार चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोककर उस पर दबाव बनाया जाए, ताकि आतंकी तंत्र के खिलाफ वास्तविक कदम उठाए जाएं। निकम ने कहा कि यदि पाकिस्तान लोकतंत्र का दावा करता है तो उसे बताना चाहिए कि हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान लखवी जैसे आतंकी सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।














