2014 के लोकसभा के चुनावों में राष्ट्रीय औसत से कम मतदान दर्ज करने वाले प्रदेशों की सूची में हिमाचल का नाम शामिल था। लेकिन 2019 के चुनावों में प्रदेश के मतदाताओं ने इस आंकड़े को पलट दिया और हिमाचल में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई। 2014 तक प्रदेश में किसी भी लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत का आंकड़ा 70 प्रतिशत तक नहीं पहुंचा। 2014 के चुनावों में जहां मतदान की राष्ट्रीय औसत 66.44 प्रतिशत रही वहीं प्रदेश में यह आंकड़ा 64.45 फीसदी तक ही पहुंच सका। 2014 के लोकसभा चुनावों में मतदान प्रतिशतता की राष्ट्रीय सूची में प्रदेश 25वें स्थान पर रहा। वहीं 2019 में केंद्र की सरकार चुनने में प्रदेश की जनता ने रुचि दिखाई और 70 फीसदी से अधिक वोटर मतदान केंद्रों तक पहुंचे। 2014 के चुनावों में पांच जगह 80 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया था।
2019 में 12 प्रदेशों में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ और हिमाचल इस सूची में छठे स्थान पर रहा। इनमें दादरा व नगर हवेली 79.58 फीसदी, केरल 77.84 प्रतिशत, गोवा 75.14 फीसदी, ओडिशा 73.29 प्रतिशत, तमिलनाडु 72.46 फीसदी, हिमाचल प्रदेश 72.42 प्रतिशत, दमन-दियु 71.85 फीसदी, छत्तीसगढ़ 71.64 प्रतिशत, मेघालय 71.43 फीसदी, मध्य प्रदेश 71.20 प्रतिशत, चंडीगढ़ 70.61 फीसदी और हरियाणा 70.34 प्रतिशत शामिल रहे। 2019 के चुनावों में प्रदेश में वोटिंग का ग्राफ 72 प्रतिशत के करीब रहा, जो कि राष्ट्रीय औसत 67 फीसदी से अधिक था। 2019 के चुनावों में मतदान के क्षेत्र में हिमाचल टॉप टैन प्रदेशों में शामिल रहा। 2019 के चुनावों में प्रदेश में भाजपा के पक्ष में जबरदस्त लहर देखी गई और चारों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। इस बार अधिक से अधिक लोगों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए जागरुक किया जा रहा है। युवा वर्ग में भी मतदान को लेकर क्रेज देखा जा रहा है। 2014 लोकसभा चुनाव में मतदान की राष्ट्रीय औसत 66.44 प्रतिशत थी, जबकि हिमाचल में यह आंकड़ा 64.45 प्रतिशत रहा था, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय औसत 67 प्रतिशत के मुकाबले हिमाचल में 72 प्रतिशत मतदान हुआ।
2019 के मतदान में टॉप-10 राज्य
दादरा 79.58
नगर हवेली 79.58
केरल 77.84
गोवा 75.14
ओडिशा 73.29
तमिलनाडु 72.46
हिमाचल 72.42
दमन-दियु 71.85
छत्तीसगढ़ 71.64
मेघालय 71.43
मध्य प्रदेश 71.20