उत्तराखंड के नगर निकायों में 18 सेवाएं होंगी डिजिटल, घर बैठे मिलेगी सुविधा

देहरादून : उत्तराखंड के सभी नगर निकायों में जल्द ही 18 नागरिक सेवाएं पूरी तरह डिजिटल होने जा रही हैं। अब लोग घर बैठे पानी का टैंकर मंगवाने, पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराने से लेकर फायर एनओसी प्राप्त करने तक की सेवाओं का लाभ ऑनलाइन ले सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने शहरी विकास विभाग के म्युनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर (MSSC) प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के लिए राज्य को 22.8 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है।

शहरी विकास विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आईटीडीए (ITDA) के सहयोग से इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) के अंतर्गत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा था। गर्व की बात है कि देशभर के केवल 10 राज्यों को इस योजना में शामिल किया गया है, जिनमें उत्तराखंड भी एक है।

इस प्रोजेक्ट के तहत सभी नगर निकायों में डिजिटल शासन और ऑनलाइन नागरिक सेवाओं की डिलीवरी को सशक्त किया जाएगा। राज्य के नगर निकायों के लिए एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा, जहां 18 सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। साथ ही, नगर निकाय कार्यालयों में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाएगा, डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी और कर्मचारियों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

पासपोर्ट केंद्र की तर्ज पर चार आधुनिक नगर सेवा केंद्र

इस योजना के तहत प्रदेश में देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी और रुद्रपुर में आधुनिक नगर सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ये केंद्र पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तरह होंगे, जहां नागरिकों को एक ही स्थान पर सभी शहरी सेवाओं की सुविधा मिलेगी।

इन सेवाओं का होगा डिजिटल विकास

  • प्रॉपर्टी टैक्स का आकलन और भुगतान
  • विविध शुल्क एकत्रीकरण
  • पानी और सीवेज कनेक्शन प्रबंधन
  • ट्रेड लाइसेंस और भुगतान
  • शिकायत निवारण प्रणाली
  • फायर एनओसी
  • वित्त एवं लेखा प्रबंधन मॉड्यूल
  • सेप्टिक टैंक और स्लज निकासी सेवा
  • पालतू कुत्तों का पंजीकरण
  • ई-वेस्ट प्रबंधन
  • सामुदायिक भवन बुकिंग
  • परिसंपत्ति प्रबंधन
  • रेहड़ी-ठेली प्रबंधन
  • विज्ञापन और होर्डिंग अनुमतियाँ
  • निर्माण एवं ध्वस्तीकरण से उत्पन्न कचरा प्रबंधन
  • नागरिक अनुरोध सेवाएं (पेयजल टैंकर, मोबाइल टॉयलेट आदि)
  • नगर सेवा केंद्र
  • जीआईएस (GIS) मॉड्यूल

यह प्रोजेक्ट उत्तराखंड के शहरी प्रशासन को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होगा।

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