
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े 17,000 करोड़ रुपये के कथित लोन घोटाले में बड़ा कदम उठाते हुए जांच तेज कर दी है। ईडी ने 12 से 13 बैंकों के प्रबंधन को पत्र भेजकर अनिल अंबानी ग्रुप को दिए गए लोन की विस्तृत जानकारी मांगी है। ये लोन बाद में एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) घोषित हो गए थे।
पूछताछ के लिए बैंकों को नोटिस संभव
सूत्रों के अनुसार, यदि बैंकों के जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो संबंधित बैंक अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस सिलसिले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक सहित कई बड़े बैंकों को नोटिस भेजा गया है।
अनिल अंबानी को ईडी का समन
ईडी ने शुक्रवार को अनिल अंबानी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है और उन्हें 5 अगस्त को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। यह मामला रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस, और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस को दिए गए कर्ज से जुड़ा है।
देशभर में 35 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के खिलाफ पीएमएलए (PMLA) के तहत जांच शुरू की है। मुंबई सहित देशभर के 35 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया।
जाली बैंक गारंटी और फर्जी डोमेन का खुलासा
जांच में सामने आया कि अंबानी ग्रुप की कंपनियों ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी दी थी। यह गारंटी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड और महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जारी की गई थी।
ईडी का दावा है कि “s-bi.co.in” नामक एक फर्जी ईमेल डोमेन का इस्तेमाल कर इसे एसबीआई के आधिकारिक डोमेन “sbi.co.in” से मिलती-जुलती पहचान दी गई। ईडी ने इसकी रजिस्ट्रेशन जानकारी नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) से मांगी है।
गंभीरता से जांच जारी
ईडी यह पता लगाने में जुटी है कि कर्ज की राशि का कैसे दुरुपयोग हुआ, क्या इसमें बैंक अधिकारियों की मिलीभगत थी, और क्या यह पैसा शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में तो नहीं लगाया गया।
अनिल अंबानी की कंपनियों पर पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार ईडी की कड़ी कार्रवाई से मामला और गंभीर हो गया है। आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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