
- 12,460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुई थी नियुक्ति
- जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए, सीतापुर ने की कार्रवाई
- मंत्री संदीप सिंह बोले, ‘किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा’
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के संज्ञान में जैसे ही सीतापुर में 16 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला आया, उन्होंने तुरंत विभाग के उच्च अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने इन सभी शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया।
बता दें कि यह फर्जीवाड़ा 12,460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 में हुई नियुक्तियों में सामने आया। जांच में पाया गया कि 16 शिक्षकों ने फर्जी टीईटी प्रमाण पत्रों और अन्य कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की थी। सत्यापन के दौरान जब यह धोखाधड़ी उजागर हुई और मामला बेसिक शिक्षा मंत्री के संज्ञान में आया। उन्होंने विभाग को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
बर्खास्त शिक्षकों की सूची जारी, जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर
सरकार द्वारा जारी सूची के अनुसार, जिन 16 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द की गई हैं, उनमें बबलू यादव, रंजना, अभिषेक कुमार, विनोद कुमार, मनोज कुमार, अरविंद कुमार, गोपाल सिंह, जीतेंद्र कुमार, राहुल कुमार, अकबर शाह, प्रदीप कुमार यादव, दिनेश कुमार यादव, प्रमोद कुमार, भूपेंद्र सिंह, सुनील कुमार और ओमवीर सिंह के नाम शामिल हैं। इनमें अधिकांश के टीईटी प्रमाण पत्र और दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं।
बेसिक शिक्षा मंत्री की दो टूक चेतावनी
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने दो टूक कहा कि योगी सरकार किसी भी स्थिति में फर्जीवाड़े को सहन नहीं करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है और आने वाले समय में यह अभियान और तेज होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐसे सभी फर्जी नियुक्तियों की जांच कर कार्रवाई जारी रहेगी। भविष्य में भी जो कोई गड़बड़ी करेगा, उसे इसी तरह कठोर दंड मिलेगा।
योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम
योगी सरकार लगातार सरकारी विभागों को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए कड़े फैसले ले रही है। इससे पहले भी कई जिलों में फर्जी नियुक्तियों को रद्द किया गया था और दोषियों पर कानूनी शिकंजा कसा गया था। शिक्षा विभाग में भी अब यह अभियान और व्यापक होगा, ताकि योग्य अभ्यर्थियों को उनका हक मिले और भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।