
Naxalite Surrender : छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों को लगातार सफलता मिल रही है। बीजापुर जिले में शुक्रवार को कुल 103 नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिए। इनमें से 49 इनामी नक्सली थे, जिन पर कुल 1.06 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। यह बड़ी संख्या में नक्सलियों का हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटना राज्य की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।
इसी बीच, रविवार को कांकेर जिले में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में तीन इनामी नक्सली मारे गए। कांकेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि यह मुठभेड़ कांकेर और गरियाबंद जिलों की सीमा पर छिंदखड़क गांव के पास एक पर्वतीय वनक्षेत्र में हुई।
सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम सुबह नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली थी, जिसमें कांकेर और गरियाबंद के पुलिस, जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान शामिल थे। मुठभेड़ स्थल से तीन नक्सली, जिनमें एक महिला नक्सली भी शामिल है, के शव बरामद किए गए।
बरामद सामग्री और इनामी नक्सली
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से कई हथियार भी बरामद किए हैं, जिनमें एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (SLR), एक .303 राइफल, 12 बोर की बंदूक और अन्य नक्सली संबंधित सामग्री शामिल है।
मारे गए नक्सलियों की पहचान
सरवन मड़कम उर्फ विश्वनाथ- माओवादियों की सीतानदी/रावस एरिया कमेटी का सचिव, 8 लाख रुपये का इनामी।
राजेश उर्फ राकेश हेमला- नगरी एरिया कमेटी का सदस्य, 5 लाख रुपये का इनामी।
बसंती कुंकजाम उर्फ हिड़मे- मैनपुर-नुआपाड़ा सुरक्षा टीम की सदस्य, 1 लाख रुपये का इनामी।
इन तीनों पर कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
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