
मुंबई। महाराष्ट्र में बुधवार से 10 दिवसीय गणेशोत्सव का आगाज़ हो गया। सुबह से ही गलियों और पंडालों में “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” के जयकारों की गूंज सुनाई दी। छोटे-बड़े गणेश प्रतिमाओं को ढोल-ताशों की ताल पर भक्त श्रद्धा और उत्साह के साथ अपने घरों और सार्वजनिक पंडालों में स्थापित कर रहे हैं।
पहली बार आधिकारिक त्योहार
इस बार गणेशोत्सव खास है क्योंकि पहली बार महाराष्ट्र सरकार ने इसे राज्य का आधिकारिक त्योहार घोषित किया है। राज्य के संस्कृति विभाग की ओर से 10 दिनों तक विशेष कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
सजावट और सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मुंबई में भव्य सजावट की गई है और प्रमुख मंडपों में सुरक्षा की विशेष व्यवस्था है। मुंबई पुलिस ने बताया कि शहर में 17,600 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसके अलावा अश्वारोही पुलिस यूनिट, ड्रोन, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड भी निगरानी करेंगे।
मंडलों को दिए गए दिशा-निर्देश

गणेश मंडलों को छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किए जाने, ऑपरेशन सिंदूर और स्वदेशी भावना के प्रति जागरूकता फैलाने को कहा गया है। वहीं, बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने आयोजकों से त्योहार को राजनीतिक रंग से दूर रखने और केवल संस्कृति व भक्ति के रूप में मनाने की अपील की है।
प्रसिद्ध पंडालों की रौनक
त्योहार के दौरान लाखों श्रद्धालु मुंबई के मशहूर पंडालों में दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
- लालबागचा राजा – सबसे लोकप्रिय और भीड़भाड़ वाला पंडाल
- चिंचपोकली, गणेश गली और तेजुकया – पारंपरिक मंडल
- जीएसबी सेवा मंडल (किंग्स सर्कल) – सबसे समृद्ध पंडाल, जहां भगवान गणेश को सोने के आभूषणों से सजाया जाता है
मुंबई के साथ-साथ राज्य के अन्य शहरों में भी गणेशोत्सव की तैयारियां पूरे जोश और श्रद्धा के साथ की गई हैं।