साल 2022 गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा समाचार लेकर आया है। साल के पहले दिन से ही संस्थान द्वारा गर्भवती महिलाओं का बिना डोनर रक्त मुहैया कराया जाए। शनिवार को संस्थान में आयोजित रक्तदान कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने इसकी शुरूआत की।संस्थान की निदेशक डा सोनिया नित्यानंद ने बताया कि इस कदम से गर्भवती महिलाओं के आकस्मिक चिकित्सा में लाभ मिलेगा। आपात स्थिति में रक्त के लिए गर्भवती महिलाओं के परिजनों को इधर उधर भटकने से निजात मिलेगी।
लोहिया संस्थान के ब्लड बैंक प्रभारी ने डा वीके सिंह ने बताया कि अब संस्थान में किसी भी जरूरतमंद गर्भवती को डोनर की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही संस्थान में अब थैलेसीमिया के मरीजों के लिए ल्यूको-रेडयूस्ड रक्त की सुविधा भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को रक्तदान शिविर का आयोजन सुबह 10:45 से शुरू हुआ। रक्तदान में संस्थान के फैकल्टी, डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान के लिए भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके तहत जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को बिना प्रतिस्थापन के रक्त आपूर्ति की भी शुरुआत की। समारोह में ब्लड बैंक से जुड़े कार्यकताओं को सम्मानित भी किया गया।
नए साल के जश्न के साथ ही कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटना राजधानी के चिकित्सा संस्थानों के लिए चुनौती है। बढ़ते मामलों ने डाक्टरों की चिंता भी बढ़ाई है। इसे लेकर सभी संस्थानों ने अपने अपने स्तर पर तैयारियां भी तेज कर दी हैं। बच्चों के लिए पहले से तैयार पीकू नीकू वार्ड भी अपडेट कर दिए गए हैं। एसजीपीजीआइ के निदेशक डा आरके धीमन और केजीएमयू के कुलपति प्रो बिपिन पुरी का कहना है कि कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का अनिवार्य रूप से पालन करने से ही बढ़ते संक्रमण को रोका जा सकता है।