शिवपाल पर विजय के लिए उतरेंगे भाजपा के दुर्विजय!

भास्कर ब्यूरो
बरेली/बदायूं। भारतीय जनता पार्टी बदायूं लोकसभा सीट पर अपने युवा और तेजतर्रार क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तब उनका सीधा मुकाबला सपा के वरिष्ठतम नेता शिवपाल सिंह यादव से होगा। मौजूदा सांसद और चर्चित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा मौर्य का टिकट कट सकता है। उम्मीद है अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश की रुकी हुई सीटों पर टिकट का ऐलान हो जायेगा। बरेली में रहने वाले श्री शाक्य मूल रुप से बदायूं के ही रहने वाले हैं। उनका पैतृक गांव बराहमपुर बदायूं में ही पड़ता है। बरेली मंडल की पांच में से तीन सीटों पर अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हो सकी है। तीनों ही सीटें हाईप्रोफाइल हैं।

इनमें बरेली, बदायूं और पीलीभीत की सीट है। यह माना जा रहा है कि पार्टी के नेताओं का एक बड़ा तबका इस बार मौजूदा सांसद संघमित्रा मौर्य को अपना प्रत्याशी बनाना नहीं चाहता है। उनके पिता व चर्चित राजनेता स्वामी प्रसाद मौर्य के कई बयान भाजपा और संघ की विचारधारा को भी तीखे चुभे हैं। श्री मौर्य पहले सपा के साथ थे, हाल ही में उन्होंने सपा का साथ छोड़कर अपनी पार्टी बना ली। हालांकि संघमित्र मौर्य ने अपने पिता के राजनीतिक फैसलों से खुद की दूरी बनाई मगर भाजपा की निगाह में उनको वापस टिकट दिया जाना पार्टी के लिए खतरनाक और फिसलन भरे रास्ते पर चलने जैसा हो सकता है।


समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यहां से सांसद रहे धर्मेन्द्र यादव को आजमगढ़ भेज दिया है और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को बदायूं से चुनाव मैदान में उतार दिया है। शिवपाल सिंह के मैदान में आने से हाईप्रोफाइल हुई इस सीट पर भाजपा को किसी नए और दमदार चेहरे की तलाश है। वह नाम है भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य का नाम भाजपा में जोरों पर है। मूल रुप से संघ विचारधारा के साथ लंबे समय से भाजपा में काम कर रहे श्री शाक्य जमीनी नेता हैं जातिगत समीकरणों के हिसाब से भी उनकी उम्मीदवारी एकदम सटीक बैठती है।

दुर्विजय सिंह शाक्य स्थानीय बिशप मंडल इंटर कालेज में शिक्षक हुए। इससे पहले वह विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक सामाजिक जीवन की शुरुआत कर चुके थे। वह परिषद के महामंत्री, उपाध्यक्ष रहे तथा विभाग संयोजक व प्रदेश के सह मंत्री भी रहे। पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने मुरादाबाद रामपुर विभाग में संगठन मंत्री का भी जिम्मा संभाला। जमीन से जुड़कर राजनीति करने वाले दुर्विजय सिंह शाक्य की छवि एक तेज तर्रार मगर जमीनी राजनेता की है। वह अपने विनम्र और व्यवहारकुशलता के लिए जाने जाते हैं। अगर कोई बहुत बड़ी राजनीतिक उठापटक नहीं हुई तो उम्मीद है कि अगले 48 घंटों में उन्हीं को टिकट मिल जाएगा।

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