लोकसभा चुनाव : क्या इस राज्य में बीजेपी बदलेगी लोकसभा उम्मीदवार, जानिए क्यों हो रही ऐसी चर्चा?

चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों सियासी गलियारों में एक चर्चा जोरों पर है. चर्चा लोकसभा चुनाव 2024 के के लिए प्रदेश में उतारे गए उम्मीदवारों को लेकर है. चर्चा यह है कि बीजेपी अपने कुछ लोकसभा उम्मीदवारों को बदल सकती है. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा हिसार लोकसभा सीट के उम्मीदवार को बदलने की हो रही है. यह चर्चा क्यों हो रही है और इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है यह बड़ा सवाल है?

विजेंदर सिंह के आने के बाद हलचल तेज: प्रदेश में हिसार लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बदलने से शुरू हुई यह चर्चा अब दो से तीन सीटों पर उम्मीदवार बदलने को लेकर होने लगी है. सियासी गलियारों में इस चर्चा को बल तब मिला जब ओलंपियन बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इनको लेकर चर्चा यह होने लगी कि इनको हिसार सीट पर रणजीत चौटाला की जगह बीजेपी उम्मीदवार बना सकती है.

‘सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर’: हिसार सीट पर उम्मीदवार बदलने की चर्चाओं पर राजनीतिक मामलों के जानकार कहते हैं कि जिस तरह से बीजेपी के उम्मीदवारों का धरातल पर विरोध हो रहा है, उससे साफ नजर आ रहा है कि सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर काम कर रहा है. बीजेपी को पहले से भी इसका डर था. गांव में जिस तरह से उम्मीदवारों का विरोध हो रहा है वह साफ दिखता है कि एंटी- इनकंबेंसी काम कर रही है.

‘रणजीत चौटाला को हिसार से बदलने की चर्चा’: जानकार कहते हैं कि रणजीत चौटाला को हिसार से बदलने की चर्चा चल रही है. इसकी कई वजहें सामने आ रही हैं. पहले तो यह है कि जिस तरह से बीजेपी ने रणजीत चौटाला को जल्दबाजी में उम्मीदवार बनाया. बीजेपी उसको मास्टर स्ट्रोक के तौर पर ले रही थी. उनके उम्मीदवार घोषित होने के बाद जिस तरीके से कुछ दिनों के अंदर हालात बने हैं, उससे बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है. एक तो रणजीत चौटाला ने ब्राह्मणों के खिलाफ बयान दिया, उससे वहां हलचल हुई. लोगों ने इकट्ठा होकर इसके लिए उन पर माफी मांगने का दबाव बनाया. इसके बाद उनको माफी मांगनी पड़ी, लेकिन उसके बाद जो हिसार में परिस्थितियां बनी वह भी अहम है.

कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी की वजह: राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में बड़ी उम्मीद के साथ आए थे. हिसार से भी एक मजबूत दावेदार थे. लेकिन, उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिला जबकि उनका बड़ी उम्मीद थी. टिकट न मिलने के बाद जिस तरह से उनके रिएक्शन आ रहे हैं उससे साफ है कि कुलदीप बिश्नोई बीजेपी से बेहद नाराज हैं.

कुलदीप बिश्नोई के भाई पर कांग्रेस की नजर: उसके बाद अब चर्चा चल रही है कि कांग्रेस कुलदीप बिश्नोई के भाई चंद्रमोहन को हिसार से उम्मीदवार बना सकती है. उस वजह से बीजेपी में हलचल अब ज्यादा है. यह बात सबको पता है कि हिसार के चार से पांच विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिवार का अभी भी सियासी असर है. वहां लोग कुलदीप बिश्नोई के इशारे का इंतजार करते हैं कि किस तरफ जाना है.

रणजीत सिंह चौटाला के खिलाफ जा रही ये बातें: राजनीतिक मामलों के जानकार का कहना है कि कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी चुनाव तक बनी रहती है, और चंद्रमोहन उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस की तरफ से आते हैं, तो उससे बीजेपी को सीधे-सीधे नुकसान होने जा रहा है. अगर हिसार लोकसभा सीट के इतिहास को भी देखें तो चौधरी रणजीत सिंह चौटाला वहां पर पहले भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और उनको 85,000 वोट मिले थे, उनकी जमानत जब्त हो गई थी. रणजीत सिंह चौटाला के खिलाफ यह सारी बातें भी जा रही हैं.

उम्मीदवार बदलने को लेकर BJP में मंथन!: अब बीजेपी में यह हलचल है कि मतदान में अभी बहुत दिन बचे हैं और उम्मीदवार घोषित होने के चंद दिनों में यह हालत बना रहे हैं तो पार्टी इसे अच्छा संकेत नहीं मान रही है. यह सिर्फ हिसार की बात नहीं है और कुछ लोकसभा क्षेत्र पर भी बीजेपी विचार कर रही है कि क्या वहां पर घोषित किए गए लोकसभा उम्मीदवार बदले जाएं. उम्मीदवार बदलने को लेकर बीजेपी में बड़े स्तर पर मंथन हो रहा है. हिसार ही नहीं बल्कि कुछ और सीटों को लेकर भी चर्चा हो रही है.

कैप्टन अभिमन्यु किस वजह से हैं नाराज?: क्या इसके अलावा पार्टी के नेताओं की नाराजगी भी इस बात को बल दे रही है कि बीजेपी उम्मीदवार बदल सकती है? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि बीजेपी नेता कैप्टन अभिमन्यु का नाम भी टिकट के दावेदारों में था, जो बात भी सभी जानते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कैप्टन अभिमन्यु की नहीं बनती थी. उनको भी टिकट नहीं मिला, उनकी नाराजगी भी कहीं ना कहीं निकल कर सामने आ रही है. इस बात से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं.

सियासी गलियारे में चर्चा: राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद कैप्टन अभिमन्यु को उनके कद के मुताबिक कहीं एडजस्ट भी नहीं किया गया. जबकि वे किसी वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हुआ करते थे. इसके साथ ही और भी कई बड़े नाम हैं जैसे रामविलास शर्मा और ओमप्रकाश धनखड़. इनको भी बीजेपी में कोई ऐसा सम्मानित पद नहीं मिला है कि जिससे वह संतुष्ट हों. यह सभी लोग हरियाणा के अंदर ही एक्टिव रहना चाहते थे. उस हिसाब से इनको हरियाणा के अंदर काम नहीं दिया गया. 2019 में भी जब यह लोग चुनाव हारे थे तो उनके लोग कहा करते थे कि प्रदेश में हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल उस वक्त जिम्मेदार थे. वहीं, सब नाराजगी अब कहीं ना कहीं सामने आती दिखाई दे रही हैं.

AAP का BJP पर तंज: वहीं, हरियाणा में चल रही बीजेपी उम्मीदवारों के बदलने की चर्चाओं पर हरियाणा आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा अपने ही तरीके से कमेंट करते नजर आए. जब उनसे कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित न होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा “इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस सही समय पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इंडिया गठबंधन में भाजपा जैसी स्थिति नहीं है कि पहले उम्मीदवार उतारे और अब नीचे-नीचे यह बात चल रही है कि हरियाणा के अंदर बीजेपी कई उम्मीदवारों को बदल सकती है. ऐसी स्थिति इंडिया गठबंधन में नहीं है.”

विपक्ष पर भड़के BJP मुख्य प्रवक्ता: वहीं, इस मामले में बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता जवाहर यादव कहते हैं “कहां पर उम्मीदवारों को बदलने की बात चल रही है और किस बात पर विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है. ना ही कांग्रेस ना ही जेजेपी, ना ही इनेलो अपने प्रत्याशी घोषित कर पाए हैं. बीजेपी ने सभी 10 लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, और उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है. हम पर निशाना साधा जा रहा है किस बात के लिए? सोशल मीडिया पर विपक्ष द्वारा संचालित गिरोह क्या यह तय करेगा? बीजेपी किसको उम्मीदवार बनाती है या बदल जाएगा. इसका बीजेपी में कभी इस तरह निर्णय होता है क्या?”

‘विपक्ष का बौखलाहट’: जवाहर यादव ने कहा “बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और इसमें सारे फैसले लेने के लिए प्रॉपर कमेटियां है, उनका अभी तक इस मामले में कोई स्टेटमेंट नहीं है. ना ही राष्ट्रीय अध्यक्ष और ना ही प्रदेश अध्यक्ष ने कोई ऐसी स्टेटमेंट जारी की है और सोशल मीडिया में वह व्यक्ति हमें बताते हैं, जिसका कुछ लेना-देना नहीं है कि किसका प्रत्याशी बदला जाएगा, किसका नहीं बदला जाएगा. यह सब अफवाह हैं और विपक्ष की बौखलाहट है. प्रदेश की 10 की 10 लोकसभा और एक विधानसभा सीट बीजेपी जीतेगी. प्रदेश में 4 जून को 11 कमल खिलेंगे.”

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