नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के इंडिया समूह की कड़ी चुनौती और अप्रत्याशित प्रदर्शन के चलते भाजपा अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही है।लोकसभा चुनाव की मंगलवार को हुई मतगणना में राजग को 290 से अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि इंडिया समूह 230 से अधिक सीट पर जीत दर्ज कर रहा है। मतगणना के परिणामों और रूझानों में भाजपा 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी और कांग्रेस 99 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
वर्ष 2014 के चुनाव के बाद देश में एक बार फिर गठबंधन सरकार की राजनीति वापस लौट रही है जिसमें राजग के घटक दलों तेलुगु देशम पार्टी, जनता दल यू और शिव सेना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश , राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे अपने पुराने गढों में तगड़ा झटका लगा है जबकि पार्टी ओड़िशा में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए लोकसभा की अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ साथ राज्य विधानसभा में भी जीत के साथ पहली बार अपनी सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गयी है। पार्टी ने केरल में पहली बार एक सीट के साथ अपना खाता खोला है और नवगठित तेलंगाना में वह सत्तारूढ कांग्रेस को कांटे की टक्कर देते हुए बराबर की सीट जीतती नजर आ रही है।
इंडिया समूह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को अप्रत्याशित झटका देते हुए उसे दूसरे स्थान पर धकेल दिया है। राज्य में समाजवादी पार्टी 37 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। पिछले चुनाव में राज्य की 80 में से 62 सीट जीतने वाली भाजपा इस बार 33 सीट पर सिमटती नजर आयी। कांग्रेस को राज्य में अपनी परंपरागत सीटों रायबरेली और अमेठी सहित छह सीट पर सफलता मिल रही है। राज्य में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली बहुजन समाज पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा।
लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन ने इस बार मोदी के करिश्मे के अलावा राम मंदिर, धारा 370 , बुनियादी ढांचा विकास और उच्च आर्थिक वृद्धि दर के साथ साथ विपक्षी दलों की तुष्टिकरण की राजनीति के मुद्दों पर चुनाव लड़ा जबकि इंडिया समूह ने ‘संविधान को बचाने’ , महंगाई , बेरोजगारी और जातिगत जनगणना को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार किया था।
भाजपा ने इन चुनाव में अब की बार 400 पार का नारा देने के साथ ओड़िशा , तमिलनाडु , पश्चिम बंगाल, केरल और तेलंगाना जैसे नये राज्यों में पैर पसारने की जी तोड़ कोशिश की। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने तमाम पूर्वानुमानों को गलत साबित करते हुए अपना किला बरकरार रखा और 42 में से 29 सीटों पर सफलता हासिल की। भाजपा राज्य में 2019 का प्रदर्शन दोहराने में असफल रही और वह केवल 12 सीटों पर सिमटती नजर आयी।
गुजरात , मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड भाजपा के भरोसे के राज्य बने हुए हैं और इनमें अधिकांश सीटों पर पार्टी का कब्जा बरकरार दिखाई दे रहा है। कांग्रेस ने केरल में संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (यूडीएफ) के अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर राज्य में सत्तारूढ वामपंथी लोकतांत्रिक गठबंधन (एलडीएफ) को फिर शिकस्त दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने में कामयाब रहे। राज्य की त्रिशूर सीट पर भाजपा ने कब्जा किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजग की लगातार तीसरी जीत को ऐतिहासिक पल बताया है और इसके लिये देश की जनता के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा है कि गठबंधन देश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये नयी ताकत से काम करेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने इन चुनाव परिणामों को मोदी की नैतिक हार बताया है और कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी की दो पदयात्राओं का कांग्रेस को लाभ मिला है। तमिलनाडु में सत्तारूड द्रमुक पार्टी अपनी पकड़ बनाये हुए है जबकि आंध्र प्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा ने जोरदार उलटफेर करते हुए सत्तारूढ वाई एस आर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगी दलों शिव सेना और राकांपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा जबकि विपक्षी इंडिया समूह के दलों ने आशा के विपरीत मुंबई क्षेत्र सहित राज्य के विभिन्न अंचलों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद हुए पहले चुनाव में राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में हार गये हैं। लद्दाख सीट पर भाजपा को झटका लगा है। इन चुनावों में जेल से चुनाव लड़ने वाले दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। वारिस दे पंजाब के अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट और जम्मू कश्मीर की बारामूला सीट से इंजीनियर रशीद ने जीत हासिल की है।हरियाणा और पंजाब में परिणाम मिले जुले रहे हैं। हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा पांच -पांच सीट ले रही हैं वहीं पंजाब में कांग्रेस ने सात सीट जीतकर सत्तारूढ आम आदमी पार्टी को झटका दिया है।
झारखंड में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आठ सीटें जीती हैं जबकि सत्तारूढ झामुमो तीन और कांग्रेस दो सीटों पर जीत रही है।
असम में भाजपा ने अपना 2019 का प्रदर्शन दाेहराया है लेकिन हिंसा से प्रभावित मणिपुर में कांग्रेस दोनों सीटों पर जीतती नजर आ रही है। राजस्थान में भाजपा को 14 सीटें हांसिल हुई है जबकि कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 8 सीटों पर कब्जा किया है।