यमुना के जलस्तर में भारी वृद्धि, मथुरा-वृंदावन के तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में

जिलाधिकारी के निर्देश ‘ बाढ़ प्रभावित इलाको को चिन्हित कर, मौके पर मौजूद रहें अधिकारी

Mathura : यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है कि 4 से 6 सितंबर तक यमुना का जलस्तर अधिक रहेगा। इससे पहले ही बुधवार को वृंदावन और मथुरा की दर्जनभर कॉलोनियों में पानी पहुंच गया था। दिन भर लोग घरों को खाली करने में लगे रहे। जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया है। यमुना पिछले तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

मौसम विभाग की चेतावनी के कारण लोगों में चिंता बढ़ गई है कि आगामी दो-तीन दिन मथुरा में मध्यम और तेज बारिश हो सकती है। घरों में पानी भरने के बाद लोग छतों पर डेरा डालकर रह रहे थे। रूक-रूक कर हो रही कभी तेज, तो कभी रिमझिम बारिश ने लोगों के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। जिन कॉलोनियों में पानी भरा है, वहां विद्युत विभाग ने बिजली सप्लाई काट दी है। पिछले तीन-चार दिन से इन क्षेत्रों में बिजली नहीं आ रही थी।

हथिनीकुंड से अधिक मात्रा में छोड़े गए पानी के बाद सोमवार को जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी। सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। पानी 4 से 5 सितंबर तक मथुरा में पहुंचेगा, जिससे यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाएगा।

जिलाधिकारी ने जिले के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों सहित उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव-गांव जाकर बैठकें करें। ग्राम स्तर पर टीम बनाई जाए, जिसमें पंचायती राज, स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, पशुपालन, विद्युत और विकास विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी तैनात हों। सभी बाढ़ प्रभावित ग्रामों को चिन्हित कर वहां टीम लगाई जाए। सीएसओ को बाढ़ क्षेत्र में एंबुलेंस और मेडिकल टीम तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में परिवारों एवं पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। उनकी खाने, रहने, पीने और सोने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। चार से छह सितंबर तक यमुना के तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों के लिए यह रातें विशेष रूप से गंभीर साबित हो सकती हैं।

स्कूलों में दो दिन की छुट्टी
हालात को देखते हुए जिलाधिकारी ने बुधवार और गुरुवार को कक्षा एक से 12 तक सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। नौहझील, मांट और छाता क्षेत्र के निचले गांवों में बाढ़ का पानी फिर बढ़ने लगा है। मथुरा के खादर क्षेत्र और वृंदावन की कॉलोनियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं मथुरा और वृंदावन के यमुना घाट भी डूब गए हैं। जयसिंहपुरा समेत अन्य कई क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

वृंदावन में नहीं लगी एकादशी की परिक्रमा
वृंदावन परिक्रमा मार्ग में भी घुटनों तक पानी भर गया है। कालीदह की ओर से बिहारीजी और केसी घाट जाने वाले मार्ग जलमग्न हैं। प्रशासन ने हालातों को देखते हुए एकादशी के दिन लगने वाली परिक्रमा फिलहाल स्थगित कर दी है। कुछ लोग नियमित परिक्रमा कर रहे थे, उन्हें भी रोक दिया गया। स्थानीय कॉलोनियों में पानी भरने से नागरिकों में चिंता का माहौल है।

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