पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल बेरोजगारी को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक हैं और आज उन्होंने सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने की घोषणा कर दी है।
आज पटना के प्रदेश राजद कार्यालय में तेजस्वी यादव ने कहा ‘पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। बिहार में 4 लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है।’
इससे पहले भी तेजस्वी यादव बेरोजगारी के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं और राज्य की नीतीश सरकार पर बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान राज्य से बड़ी संख्या में मजदूरों के पलायन के मुद्दे को भी उन्होंने जोर शोर से उठाया था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने बेरोजगारों को अपने साथ जोड़ने के लिए जो अभियान शुरू किया था, वह काफी सफल रहै है। उन्होंने कहा कि उनके वेब पोर्टल से रजिस्टर्ड युवा और मिस कॉल नंबर से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या लाखों में रही है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अपने पहले साइन से सबसे पहला यही काम करेंगे।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि एक साल में 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात हो रही थी,पर 15 साल से राज करने वालों ने बिहार को कंगाल बना दिया है। एक बिहारी पर 37 हजार रुपए का कर्ज हो गया है। 12 करोड़ बिहारियों पर कर्ज का भार है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा की ड्राइवर और चपरासी की नौकरी के लिए पांच लाख लोगों ने आवेदन दिया था। स्वास्थ्य विभाग में 4.5 लाख नौकरी खाली है। तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि आरजेडी की सरकार जो नौकरी देगी वह स्थायी और सरकारी नौकरी होगी।