– बाल विवाह की रोकथाम के लिए अधिकारियों की बैठक लेकर दिए दिशा-निर्देश
ग्वालियर । कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है। इसकी रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ समाज में जागृति लाने की नितांत आवश्यकता है। बाल विवाह करने पर न केवल अभिभावक बल्कि मैरिज गार्डन, पंडित, मौलवी, अभिभावक, रिश्तेदार, पड़ौसी, बैंडवाले, टैंटवाले तथा कैटर्स भी अपराध की श्रेणी में आते हैं। इन पर भी कार्रवाई की जायेगी।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत जिले में रविवार को बाल विवाह की रोकथाम करने के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। कलेक्टर रुचिका चौहान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, एडीएम अंजू अरूण कुमार, सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जनपद पंचायत सीईओ, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर ने बताया कि बाल विवाह को रोकने के लिये जिला, तहसील एवं विकासखंड स्तर पर बाल विवाह निषेध अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जिला स्तर पर कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तहसील स्तर पर अनुवभागीय अधिकारी राजस्व एवं विकासखंड स्तर पर कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बाल विवाह के संबंध में जिले का कोई भी नागरिक पुलिस विभाग, बाल विवाह निषेध अधिकारी, बाल कल्याण समिति, चाईल्ड लाइन 1098 को सूचित कर सकता है।
बैठक में डी एस जादौन, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग द्वारा बताया गया जिले में बाल विवाह के आंकड़ों में गिरावट आई है। NFHS-5 के आंकड़ों में जिले में लड़कियों के बाल विवाह मे लगभग 12 प्रतिशत कमी आई है।