मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मेडिकल के ग्रेजुएशन कोर्स यानी बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने की घोषणा के बाद अब महाराष्ट्र ने इस कोर्स की पढ़ाई मराठी भाषा में कराए जाने की घोषणा कर दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2023 से महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेजों में MBBS की पढ़ाई मराठी भाषा में शुरू हो जाएगी।
ऐच्छिक होगी मराठी भाषा में MBBS की पढ़ाई
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि MBBS की पढ़ाई मराठी में कराए जाने से गैर-अंग्रेजी भाषी छात्रों के लिए डिग्री लेवल तक के प्रोग्राम की पहुंच बढ़ेगी।राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि सिलेबस को मराठी में उपलब्ध कराने के फैसले से महाराष्ट्र के ग्रामीण हिस्सों के छात्रों को मदद मिलेगी। महाजन ने कहा कि मेडिकल की मराठी भाषा में पढ़ाई पूरी तरह से ऐच्छिक होगी।
मराठी भाषा में MBBS की पढ़ाई कराने वाला पहला राज्य बनेगा महाराष्ट्र
महाजन ने कहा कि देश में महाराष्ट्र ऐसा पहला प्रदेश होगा जहां पर मेडिकल के सभी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई मराठी भाषा में होगी।उन्होंने बताया कि मराठी भाषा में मेडिकल का कोर्स कराने की तैयारी पिछले दो महीने से चल रही थी।बता दें कि राज्य में MBBS की पढ़ाई मराठी भाषा में कराए जाने के संबंध में सरकार ने विभिन्न विशेषज्ञों की एक कमेटी भी गठित की है।
मराठी में मेडिकल की पढ़ाई से महाराष्ट्र तक ही सीमित रह जाएंगे डाक्टर- DMER पूर्व निदेशक
मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत लोग राज्य सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं।चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (DMER) महाराष्ट्र के पूर्व निदेशक डॉ प्रवीण शिंगारे ने न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि मेडिकल शिक्षा या तो हिंदी में होनी चाहिए या अंग्रेजी में जारी रहनी चाहिए।उनका मानना है कि मराठी में मेडिकल की पढ़ाई से डॉक्टर्स सिर्फ महाराष्ट्र या भारत तक ही सीमित हो जाएंगे।
महाराष्ट्र में MBBS के लिए कुल कितने कॉलेज हैं?
महाराष्ट्र सरकार की इस पहल से MBBS के अलावा छात्र आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, दंत चिकित्सा, फीजियोथेरेपी और नर्सिंग की पढ़ाई भी मराठी भाषा में कर सकेंगे।बता दें कि महाराष्ट्र में MBBS के लिए कुल 62 कॉलेज हैं, जिनमें 10,045 छात्र पढ़ते हैं।केंद्र सरकार के अधीन 27 सरकारी और नगरपालिका कॉलेज, 20 निजी कॉलेज, 12 संबद्ध विश्वविद्यालय और तीन मेडिकल कॉलेज हैं।
इस राज्य में MBBS की हिन्दी में पढ़ाई की हो चुकी है शुरूआत
बता दें कि हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश में MBBS प्रथम वर्ष की तीन किताबों का विमोचन किया था।मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों को MBBS के एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री विषयों को हिन्दी में पढ़ाया जाएगा।इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में अगले शैक्षणिक सत्र से MBBS की पढ़ाई हिंदी में होगी।