कन्नौज : इत्र नगरी के अखाड़े में सपा के योद्धा का इंतजार

— प्रश्नवाचक चिन्ह क्या खोई जमीन (गढ़) को वापस ले सकेगी सपा, त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

— सपा व बसपा दोनो की निगाह मुस्लिम मतदाताओं पर

मनीष दीक्षित
कन्नौज।चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों का विधिवत् कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है और प्रथम चरण के मतदान की विधिवत् प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है। उसी क्रम में चुनाव कोई भी परंतु चुनाव में उस चुनावी मैदान में हर क्षेत्र में कोई न कोई सीट सुर्खियो में रहती हैं।जैसे यूपी में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वनारस की सीट के अलावा प्रदेश में कई नेताओं की सीट पर पूरा देश ध्यान रखता है उसी तरह इत्र नगरी की लोकसभा सीट हमेशा से सुर्खियो में रहती हैं।क्यों कि यह वह लोकसभा सीट है जिसने देश को तीन मुख्यमंत्री भी दिए और यहां से ही राज्यसभा सांसद रहे टी एन चतुर्वेदी ने राज्यपाल के पद को सुशोभित किया। वहीं यही वह इत्र नगरी की लोकसभा सीट है जिससे चुनाव लड़ डिम्पल यादव ने निर्विरोध सांसद निर्वाचित होने का रिकार्ड कायम किया परंतु इससे पहले प्रयागराज पश्चिम से पुरुषोत्तम दास टंडन 1952 के उप चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुई थी।

 खैर फिलहाल बात कर रहे हैं लोकसभा सीट कन्नौज की जो को कन्नौज की तीन विधानसभा सीट के साथ एक कानपुर देहात की विधानसभा रसूलाबाद व ओरैया जिले की विधूना विधानसभा को मिला कर लोकसभा सीट पर चुने जाने वाले सांसद को पांच जिलों के मतदाता मतदान करते हैं। इत्र नगरी किसी समय सपा का गढ़ मानी जाती थीं परंतु देश की राजनीत में मोदी की एंट्री के साथ कन्नौज में सपा का वर्चस्व कम होना प्रारंभ हुआ जिसमे सपा ने पहले छिबरामऊ व तिर्वा विधानसभा की सीटों से हाथ धोया परिणाम स्वरुप भाजपा से छिबरामऊ विधानसभा सीट पर अर्चना पांडे विधायक बनी तो तिर्वा से कैलाश राजपूत ने कमल खिलाया और बस यही से सपा का गढ़ ढहना प्रारम्भ और लोकसभा चुनाव में सुब्रत ने डिम्पल यादव को हरा कर रही सही कसर पूरी कर दी इसके पश्चात हुए पंचायत चुनाव में भी कन्नौज में कमल खिला और जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर भी भाजपा का कब्जा हो गया।

इसके पश्चात 2022 में हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा ने तीनों विधानसभा पर भगवा ध्वज फहरा कर सपा मुक्त जिला होगया।अब यहीं से सपा मुखिया ने कन्नौज को फिर से सपा मय करने का निर्णय लिया और जब कोई भी मौका लगा सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लगातार जनपद का भ्रमण कर कार्यकर्ताओ में जोश भरना प्रारंभ किया। और कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा 06 माह पूर्व की तो सपा कार्यकर्ताओं को जैसे संजीवनी मिल गई हो।और सपा अपने मुखिया को कन्नौज से सांसद बनाने की जुगत भिड़ाने में लग गई। वहीं भाजपा भी लम्बे समय बाद हाथ आई कन्नौज की सांसदी को हाथ से कैसे जाने दे इसी क्रम में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर से दो मार्च को जारी की गई प्रत्याशियों की सूची में सुब्रत पाठक के नाम की घोषणा कर दी वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कन्नौज से अकील अहमद (पट्टा) को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के घोषित हो जाने के बाद अब सभी की निगाहे सपा से प्रत्याशी कौन होगा इस पर आ कर टिक गई है।सपा नेतृत्व द्वारा प्रत्याशी घोषित करने में देरी को भाजपा इसे सपा मुखिया अखिलेश यादव का डर बता कर आम जनता में पेश कर रही है तो सपाई सफाई में कह रहे हैं की अखिलेश यादव पर पार्टी की जिम्मेदारी है उन्हे पूरा प्रदेश देखना है इस लिए देरी हो रही है,वही सपाइयों को पूरा भरोसा है की अखिलेश यादव कन्नौज से ही चुनाव लड़ेंगे।लेकिन फिलहाल यह समय के गर्त में है कि सपा से प्रत्याशी होगा कौन?

— पांच विधान सभाओं से 19 लाख 82 हजार 589 मतदाता चुनेंगे कन्नौज का सांसद


जनपद में 1हजार 49 मतदान केन्द्र है पर बिधूना एवं रसूलाबाद को मिलाकर कुल 1 हजार 596 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमे कन्नौज जनपद में 12 लाख 87 हजार 081 मतदाता हैं। वहीं बिधूना एवं रसूलाबाद विधान सभाओं को मिलाकर कुल 19 लाख 82 हजार 589 मतदाता हैं। जनपद में पुरुष मतदाताओ की संख्या 6 लाख 85 हजार 968 है, जिसमें बिधूना एवं रसूलाबाद को मिलाकर कुल 10 लाख 61 हजार 205 हैं। वहीं जनपद में महिला मतदाताओ की संख्या 6 लाख 01हजार 056 है, जिसमें बिधूना एवं रसूलाबाद को मिलाकर कुल 9 लाख 21हजार 288 हैं। लोक सभा सामान्य निर्वाचन क्षेत्र-42 के अन्तर्गत ट्रांस जेंडर 96 मतदाता एवं नये वोटर्स 26 हजार 015 तथा सर्विस वोटर्स 4 हजार 690 व दिव्यांग वोटर्स 21 हजार 126 और 85 वर्ष से अधिक 21 हजार 753 मतदाता करेगे कन्नौज लोकसभा के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला।


 — सपा मुखिया ही लड़ेंगे कन्नौज से चुनाव — सपा जिलाध्यक्ष

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष कलीम खां से जव दैनिक भास्कर के जिला प्रतिनिधि द्वारा प्रत्याशी घोषित करने में देरी और विपक्ष का आरोप की हार के डर से सपा नही उतार पा रही है प्रत्याशी की बात का जवाब देते हुए सपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है अखिलेश यादव हमारे राष्ट्रीय नेता हैं उनके पास इण्डिया गठबंधन की भी जम्मेदारी है इस कारण ऐसा है रही बात सपा मुखिया के चुनाव लड़ने की बात इस पर सिर्फ भाजपा यह अफवाह फैला रही है कि यहां सपा प्रत्याशी बदल रही है यह भाजपा को हार का डर सता रहा है इस लिए वह इस तरह की अफवाह फैला रही है।सपा मुखिया का कन्नौज से चुनाव लड़ना सौ प्रतिशत तय है इसमें कोई संदेह नहीं है।जल्द ही सपा मुखिया कन्नौज का तीन दिवसीय दौरा करने वाले है।

— भाजपा से सुव्रत पाठक तो बसपा से अकील अहमद (पट्टा) हैं चुनावी मैदान में

कन्नौज लोकसभा सीट पर मतदान चौथे चरण 13 मई को मतदान की तिथि नियत कर दी गई है और भाजपा ने वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक पर फिर से भरोसा जताया है। वहीं बसपा ने कन्नौज लोकसभा के रसूलाबाद के रहने वाले पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अकील अहमद पत्ता को बहुजन समाजवादी पार्टी ने कन्नौज लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है वहीं विपक्षियों से लेकर मतदाताओं की निगाह अब टिकी है सपा से होगा प्रत्याशी कौन ?

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