उज्जैन । उज्जैन में हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने वाले भाई-बहन ने पिता के रवैये से दुखी होकर ये कदम उठाया था। उनकी मां को भी इसकी जानकारी थी। वह भी बच्चों के साथ ही खुदकुशी करना चाहती थी, लेकिन बेटे ने मना कर दिया था। उसने कहा था कि पिता को हमारा खून दिखाना। दोनों बच्चों ने मां के सामने ही जहर खाया और हाथ की नस काटी।
उज्जैन में सगे भाई-बहन के खुदकुशी के मामले में पुलिस ने मंगलवार को यह खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि पिता सादिक कुवैत में रहकर बच्चों को मदद नहीं भेज रहा था, इसके बाद दोनों बच्चों की खुदकुशी में मां ने उनका साथ दिया और उनका खून फ्रिज में जमाकर पिता को दिखाने के लिए रखा।
यह पूरा मामला उज्जैन के मोहम्मदपुरा बोहरा बाखल में रंगपंचमी से एक दिन पहले दो सगे भाई-बहन ने घर के अंदर खुदकुशी कर ली थी। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि 29 मार्च 2024 को थाना जीवाजीगंज क्षेत्र में ताहेर और जाहरा नाम के बहन-भाई ने घर मे हाथ की नस काटकर खुदकुशी कर ली है। जीवाजीगंज पुलिस ने पूरे मामले में खुदकुशी मानकर जांच शुरू की। इस दौरान घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें दोनों मृतक भाई-बहन के सिग्नेचर भी थे। सुसाइड नोट में दोनों ने अपने पिता सादिक को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया था। जब शॉर्ट पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आई तो उसमें पता चला कि दोनों भाई-बहन ने हाथ की नस काटने के पहले जहर भी खाया था।
सख्ती से पूछताछ के बाद हुआ खुलासा
पुलिस ने जांच करते हुए वारदात की जगह से कई सबूत इकट्ठे किए। इसके बाद खुदकुशी कर चुके भाई-बहन के पिता सादिक और मां फातिमा को थाने पर लाकर पूछताछ की गई। सख्ती से पूछताछ के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सका। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि सादिक 2003 से ही कुवैत में रह रहा था और बहुत कम पैसे भेजता था, साथ ही कई साल में एकाध बार ही भारत आता था। वहीं बच्चे ताहेर को बचपन से कम दिखाई देता था। उसका इलाज भी नहीं हो पा रहा था। पारिवारिक हालातों की वजह से ताहेर और जाहरा दोनों ही लंबे वक्त से डिप्रेशन का शिकार थे।
सादिक और फातिमा के बीच अक्सर इसी बात पर झगड़े होते थे कि वह पैसे नहीं भेज रहा, जिससे बच्चों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है। जब फातिमा ने ज्यादा दबाव बनाया तो सादिक ने मोबाइल पर मैसेज कर दिया कि ‘मेरे पास रुपये कम है, कर्ज ज्यादा है… मुझसे तुम लोग ज्यादा उम्मीद मत रखना। इस मैसेज को पढ़ने के बाद फातिमा, ताहिर और जाहरा की सारी उम्मीदें टूट गईं। तीनों ने खुदकुशी करने का फैसला लिया। बच्चे चाहते थे कि मां फातिमा खुदकुशी न करे बल्कि जब उनका पिता वापस आए तो उसे उसकी गलती का अहसास दिलाए।
जहर खाया, फिर काटी नसें
ताहेर और जाहरा ने पहले नींद की गोलियां खाई और हाथों की नसें काट लीं, लेकिन जब इससे भी उनकी मौत नहीं हुई तो उन्होंने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली। दोनों बच्चों की आत्महत्या के मामले में माता-पिता के खिलाफ थाने में आईपीसी की धारा 306, 305 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया है।
फ्रिज में खून रखा, खुद सुसाइड नोट लिखा
पिता के मैसेज के बाद जब फातिमा, जाहरा और ताहेर ने खुदकुशी का प्लान बनाया तो उस वक्त तक फातिमा भी उनके साथ खुदकुशी करना चाहती थी, लेकिन बच्चों ने ऐसा करने से रोका और कहा कि जब उनका पिता आए तो वह उसे दोनों बच्चों को खून दिखाएं। इसलिए फातिमा ने दोनों बच्चों को खुदकुशी करने में साथ दिया और उनका खून लेकर पॉलीथीन में भरकर फ्रिज में रख दिया, ताकि जब सादिक आए तो उसे दिखा सके। इतना ही नहीं दोनों बच्चों की तरफ से सुसाइड नोट भी फातिमा ने ही लिखा था। हालांकि इस लेटर पर दोनों बच्चों ने साइन किए थे।