एआईएमआईएम प्रमुख ने बिहार के किशनगंज में रैली को किया संबोधित
किशनगंज । ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व को दर्शाते हुए मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। सांसद ओवैसी ने बिहार की मुस्लिम बहुल सीट किशनगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही। आवैसे ने बिहार विधायक अख्तरुल ईमान को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है।
दिवंगत नेता हुमेरा अजीज का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने एआईएमआईएम पर राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के खिलाफ होने का झूठा आरोप लगाया है। 2004 की शुरुआत में, हमने सिकंदराबाद में एक महिला उम्मीदवार को अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से देश में 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं लेकिन सांसद बनने वाली मुस्लिम महिलाओं की संख्या सिर्फ 20 ही है, तो फिर मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों नहीं।
ओवैसी ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर लोकसभा में एक संशोधन पेश किए जाने को लेकर कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुझसे कहा कि आप एक संशोधन लाना चाहते हैं, लेकिन आपका समर्थन करने वाला ही कोई नहीं है। मैंने जवाब दिया कि अल्लाह मेरे साथ है। ओवैसी ने कहा कि मेरा तर्क है कि मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग मिलकर कुल आबादी का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा हैं। हम इस विशाल सामाजिक वर्ग की महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं कर सकते।
ओवैसी ने दावा किया कि उनकी बातें जब कई ओबीसी संगठनों तक पहुंचीं तो उनके नेता उन्हें धन्यवाद देने आए और कहा कि ओवैसी साहब, केवल आपने और आपकी पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया। एआईएमआईएम ने बिहार की 40में से एक दर्जन से अधिक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ओवैसी लोकसभा चुनाव का प्रचार करने बिहार आए थे।