
आज हम आपकेलिए तीन राशियों की जानकारी देंगे जो 25 दिसम्बर को धन और लाभ से भर जाएंगे दोस्तों आप लोग जानते हो कि हमारे जी जीवन पर राशियों का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है और हमारी रशिया हमारे ऊपर प्रभाव भी डालती है आज हम आपको विशेष 3 राशियो के बारे में बताएंगे जिन पर लक्ष्मी माता और शनिदेव दोनो लोगो की कृपा बरसेगी और आपके जीवन मे सुख और शांति का वातावरण होगा।
आइये चलिये जानते है कि 3 राशियों को क्या क्या लाभ मिलेगा इन दो देवी और देवताओं पर
सिंह राशि:
मित्रों पहली है राशि ही सिंह चलिये इनके बारे जानते है, दोस्तों सिंह राशि पर ऊर्जा की कोई कमी नही होगी लेकिन काम के दबाव से आप परेशान रहोगे क्योंकि आपकेलिये आज का दिन बहुत लाभकारी होगा और आपके पास धन और बढ़ेगा क्योंकि आपके पर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी और एक बात आपका का पुराना मुकदमा का फैशला जल्दी ही आ जायेगा।
तुला राशि:
मित्रों जिस प्रकार सिंह राशि पर माता लक्ष्मी की कृपा है उसी प्रकार तुला राशि पर भी विशेष कृपा होगी दोस्तों एक विशेष बात बस अपने जीवनसाथी के साथ कोई भी प्रकार की गलत बात न करे वरना आपका रिश्ता खराब हो सकता है आपके पार्टनर के साथ बस आप सावधान रहें और यह महीना आपकेलिये सबसे अहम रहेगा और आप धन और दौलत से भरे रहेंगे लक्ष्मी आपके घर विराजमान रहेंगी नौकरी मिलने की भी संभावना है।
कुम्भ राशि :
मित्रों कुम्भ राशि का 25 तारिख को भाग्य उदय होगा क्योंकि आप पर विशेष कृपा रहेगा शनि महाराज की और आपके सारे रुके हुए कार्य जल्दी ही पूरे हो जाएंग क्योंकि कुंभ राशि के देवता शनि महाराज जी है।
मित्रों इसलिए कोई भी कार्य करेंगे तो वो जल्द ही पूरे होंगे घर का वातावरण अच्छा रहेगा रुके हुए धन की प्राप्ती होगी और आपके भविष्य में कुछ खास बदलाव भी होंगे। मित्रों आज हम आपको कुछ मन्त्र बताने जा रहे हैं जिससे आपको धन की प्राप्ती होगी।
मित्रों चलिये जानते है वो मंत्र जिन्हें करने से आपको धन प्राप्ति होगी
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ।।
ये मंत्र आप रोज सुबह नहा के अपनी हाथों की हथेली देखकर बोलेंगे। मित्रों आप ये मंत्र सुबह उठते ही बोलेंगे फ्रेश होने से पहले। मित्रों आप ये मंत्र धरती पे अपने पैर रखने से बोलना है।
ये मंत्र नहाने से पहले बोले
स्नान मन्त्र गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
ये मंत्र आपको सूर्य को जल चढ़ाते हुए देना है।
ॐ भास्कराय विद्महे, महातेजाय धीमहि
तन्नो सूर्य:प्रचोदयात
ये मंत्र खाना खाने से पहले बोलना है
ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्धयर्थ भिखां देहि च पार्वति।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।।
ये मंत्र: भोजन के बाद बोलना है।
अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनिं च बडवानलनम।
भोजनं परिपाकारथ स्मरेत भीमं च पंचमं ।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।
ये मंत्र : पढ़ाई करते समय पढ़ना है।
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
ये मंत्र: शाम को पूजा करते समय।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य
धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात।।
ये मंत्र:सोने से पहले बोलना है।
अच्युतं केशवं विष्णुं हरिं सोमं जनार्दनम्।
हसं नारायणं कृष्णं जपते दु:स्वप्रशान्तये।।
तो मित्रों आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दीजियेगा।















